पांच से ज्यादा पॉजिटिव तो कार्यालय दो दिन के लिए बंद
वर्क फ्रॉम होम की व्यवस्थाक को बढ़ावा देने के बजाय अफसरों ने नई व्यवस्था कर ली है। देखने में आया है कि जिस विभाग में पांच से ज्यादा कोरोना संक्रमित मरीज मिलते हैं उस विभाग को दो दिन के बंद कर दिया जाता है। इसके बाद फिर पूरी क्षमता के साथ कार्मिकों को कार्यालय बुला लिया जाता है। कुछ दिनों बाद एक के बाद एक फिर कार्मिक कोरोना संक्रमण के शिकार हो जाते हैं।
घर से होने वाले काम होने थे चिन्हित
पूर्व मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने सभी विभागों में उन कार्यों को चिन्हित करने के निर्देश दिए थे जो आसानी से घर से हो सकें। लेकिन किसी भी विभाग के अफसरों ने इस कार्य में रूचि नहीं ली। वहीं आईटी विभाग रोडमैप तक नहीं बना सका कि पूरे प्रदेश के सरकारी कार्यालयों में वर्क फ्रॉम होम किस तरह किया जा सकता है।
सचिवालय में ढाई हजार से ज्यादा कार्मिक आते हैं प्रतिदिन
सचिवालय में ढाई हजार से ज्यादा कार्मिक प्रतिदिन आते हैं। यहां आईटी वार रूम, पंचायती राज विभाग, जल संसाधन विभाग समेत कई विभागो में कोरोना मरीज सामने आ चुके हैं। लेकिन यहां भी विभागों में वर्क फ्रॉम होम और न ही विभागों में घर से किए जाने वाले कार्य चिन्हित किए गए।
वर्क फ्रॉम होम से आईटी विभाग ही दूर
सचिवालय के पास योजना भवन में आईटी विभाग है। वर्क फ्रॉम होम जैसी व्यवस्था लागू करने का जिम्मा आईटी विभाग पर है। लेकिन इस व्यवस्था से यही विभाग कोसों दूर है। जबकि पूरे योजना भवन में बीते चार महीनों में 50 से ज्यादा कोरोना मरीज सामने आ चुके हैं और आए दिन मरीज सामने भी आ रहे हैं।