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जयपुर

यहां खुश है कामगार-मजदूर

लॉकडाउन होने के बाद अपने घरों को लौट रहे बिहार, यूपी और बंगाल के प्रवासी मजदूर व कामगारों को शास्त्रीनगर के जनोपयोगी भवन में रखा गया है। ये भी यहां खुश हैं, खास बात यह है कि उन्हें स्वस्थ रखने के लिए प्रशिक्षित खेल अध्यापक रोजाना सुबह शाम व्यायाम करवाते हैं, वहीं पुलिसकर्मी उनकी सुरक्षा के साथ ही जरूरत का पूरा खयाल रख रहे है। यहां उन्हें पौष्टिक खाना मिल रहा है, वहीं नए कपड़े भी उपलब्ध कराए गए हैं।

जयपुरApr 08, 2020 / 12:13 am

Prakash Kumawat

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यहां खुश है कामगार-मजदूर
व्यायाम का अभ्यास और अंताक्षरी से मनोरंजन

प्रकाश कुमावत…जयपुर
लॉकडाउन होने के बाद अपने घरों को लौट रहे बिहार, यूपी और बंगाल के प्रवासी मजदूर व कामगारों को शास्त्रीनगर के जनोपयोगी भवन में रखा गया है। ये भी यहां खुश हैं, खास बात यह है कि उन्हें स्वस्थ रखने के लिए प्रशिक्षित खेल अध्यापक रोजाना सुबह शाम व्यायाम करवाते हैं, वहीं पुलिसकर्मी उनकी सुरक्षा के साथ ही जरूरत का पूरा खयाल रख रहे है। यहां उन्हें पौष्टिक खाना मिल रहा है, वहीं नए कपड़े भी उपलब्ध कराए गए हैं। रोजमर्रा की जिन्दगी में जहां सुबह से शाम तक ये काम में खटते रहते थे, यहां काम के बजाय उनका मनोरंजन किया जा रहा है।
इस जनोपयोगी भवन में बिहार, यूपी, बंगाल के प्रवासी कामगार व मजदूरों के साथ ही बांसवाड़ा के भी कामगार हैं। इन सभी को यह भी बताया जा रहा है कि कोरोना क्या होता है? कैसे फैलता है? उन्हें यह भी समझाया जाता है कि कोरोना से कैसे बचा जा सकता है। उन्हें सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन क्यों जरूरी है इसकी भी जानकारी दी जाती है।
अब वे सभी यह कहने लगे हैं कि हम सब यहां स्वस्थ है, हमारा जीवन सुरक्षित है। इतना ही नहीं उनकी अपने घरवालों से भी मोबाइल पर बातचीत होती रहती है, जिससे उनके घरवालों की चिंता भी खत्म हो गई है। कुछ ने वीडियो कॉलिंग के जरिए अपने परिजनों को बताया है कि वे किस तरह से रह रहे हैं, उन्हें कोई परेशानी नहीं है।
इन मजदूर व कामगारों को रोजाना सुबह शाम खाना उपलब्ध करवाने के लिए हलवाई बुलवाकर जनोपयोगी भवन में ही रसोई संचालित की जा रही है। इन कामगारों को किसी तरह की कोई परेशानी न हो इसके लिए यहां शास्त्रीनगर थाने के दो पुलिसकर्मियों की वहां ड्यूटी लगाई हुई है। ये पुलिसकर्मी भी इनसे अंताक्षरी कार्यक्रम करवाते रहे हैं। दूर दूर बैठाकर उनसे सामान्य के प्रश्न पूछते हैं और उन्हीं में मौजूद कोई कामगार उत्तर देता है। जब वे उत्तर नहीं दे पाते तो पुलिसकर्मी उन प्रश्नों का उत्तर देते हैं।
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