वर्किंग ग्रुप करेगा सरकार की योजनाओं की समीक्षा
Chief Minister Ashok Gehlot : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने श्रम विभाग की समीक्षा बैठक ली।

जयपुर
Chief Minister Ashok Gehlot : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने श्रम विभाग की समीक्षा बैठक ली। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि भवन निर्माताओं से प्रभावी सेस की वसूली की जाए। उन्होंने कहा कि निर्माण मजदूरों की सुरक्षा और कल्याणकारी योजनाओं के संचालन के लिए निर्माणकर्ताओं से सेस की प्रभावी वसूली की जाए, ताकि मजदूरों के हित में विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लिए फंड की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके। उन्होंने सिलिकोसिस बीमारी के प्रभावी रोकथाम के लिए निर्माण, खनन तथा मूर्तिकला इत्यादि उद्योगों के लिए एडवाइजरी जारी करने के भी निर्देश दिए।
बनाया जाए वर्किंग ग्रुप
मुख्यमंत्री ने श्रम विभाग के अधिकारियों के साथ हुई इस बैठक में कहा कि निर्माण एवं अन्य कार्यों में लगे सभी मजदूरों का पंजीकरण कर उन्हें योजनाओं के लाभार्थी के रूप में चिन्हित किया जाए। उन्होंने मजदूरों के कल्याण के लिए राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई विभिन्न योजनाओं की समीक्षा के लिए एक ’वर्किंग ग्रुप’ बनाने के निर्देश दिए, जो इन योजनाओं को अधिक प्रभावी बनाने और बेहतर क्रियान्वयन के लिए सुझाव दे।
अभियान चलाने के दिए निर्देश
मुख्यमंत्री ने मजदूर की दुर्घटना या फिर सामान्य स्थितियों में मृत्यु पर देय लाभ सहित अन्य सभी कल्याणकारी योजनाओं को तार्किक बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि किसी भी मजदूर को लाभ से वंचित नहीं किया जाए। लाभ वितरण में पूर्ण पारदर्शिता हो। उन्होंने कहा कि निर्माण, खनन तथा मूर्तिकला कारखानों में मालिकों के साथ-साथ मजदूरों को भी सिलिकोसिस से बचाव के साधन अपनाने के लिए अभियान चलाने के निर्देश दिए।
अभी वसूला जा रहा इतना सेस
बैठक में बताया गया कि प्रदेश में 25 लाख मजदूर भवन एवं अन्य संनिर्माण कार्य श्रमिक कल्याण बोर्ड में पंजीकृत हैं। बोर्ड की ओर से भवन एवं अन्य निर्माणकर्ताओं से 1 प्रतिशत की दर से सेस वसूला जाता है, जिससे मजदूरों के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का संचालन किया जाता है। अधिकारियों ने बताया कि राज्य में निर्माणकर्ताओं से वर्तमान में सेस के रूप में वसूले जा रहे 400 करोड़ रूपए से अधिक राजस्व संग्रहण संभव है।
जीआईएस मैपिंग की जाए
गहलोत ने कहा कि निर्माणकर्ताओं से सेस की प्रभावी वसूली के लिए निर्माणाधीन भवनों की जीआईएस मैपिंग की जाए। नोटिस जारी करने और वसूली में आईटी के इस्तेमाल से पारदर्शिता रहेगी। निर्माणकर्ताओं को सेस चुकाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए उनकी समझाइश करने का भी सुझाव दिया।
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