हाथी की सवारी देसी-विदेशी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र हाथी गांव विकास समिति के अध्यक्ष और महावत बल्लू खान ने कहा कि हाथी धरती पर पाया जाने वाला विशाल प्राणी है, जो राजसी ठाट-बाट का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि जयपुर के आमेर महल में होने वाली हाथी की सवारी देसी-विदेशी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है।
’हाथी गांव में रहते हैं 60 से अधिक परिवार’ जानकारी के मुताबिक हाथियों के संरक्षण के लिए बनाए गए हाथी गांव में 60 से अधिक परिवार रहते हैं। जिनके पास यहां रहने वाले हाथियों के सार-संभाल की जिम्मेदारी है। महावत लतीफ आलम ने बताया कि वह हाथियों को अपने परिवार के सदस्यों की तरह ही पालते-पोसते हैं, उसके खाने-पीने से लेकर तमाम जरूरतों का ख्याल रखते हैं। कार्यक्रम में सलीम खान, नासिर खान, अकरम खान, मोहम्मद आसिफ खान समेत अन्य मौजूद रहे।
महावत समाज को बसाया गया था…
जयपुर में भारत का एक मात्र हाथी गांव है। जहां बड़ी संख्या में हाथी मौजूद हैं। आजादी से पूर्व रियासतकालीन दौर में राजाओं की ओर से जयपुर के घाटगेट इलाके में महावत समाज को बसाया गया था। आज भी ये इलाका ‘महावतों का मोहल्ला’ नाम से जाना जाता है। उस दौर से ही महावत समाज हाथियों की देखभाल कर उन्हे प्रशिक्षण देने का काम कर रहा है।