नई प्रणाली के अनुसार, हरियाणा और राजस्थान राज्य के राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के लाभार्थी एक दूसरे राज्य की किसी भी राशन की दुकान से गेहूं प्राप्त कर सकते हैं। बाद में गेहूं के अलावा अन्य उत्पादों के लिए इसका विस्तार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि राजस्थान राज्य के राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के लाभार्थी जो मजदूरी करने या अन्य कारण से हरियाणा राज्य में जाते है वे वहां की राशन की किसी भी दुकान से अपना गेहूं प्राप्त कर सकते है। इंटर स्टेट पोर्टेबिलिटी लागू होने से लाभार्थियों को एक-दूसरे राज्य से राशन प्राप्त करने के लिए अलग से राशन कार्ड बनवाने की आवश्यकता भी नहीं रहेगी।
मीणा ने बताया कि इस योजना को जल्द ही पूरे देश में लागू किया जाएगा, जिसके तहत योजना के लाभार्थी देश में किसी भी किसी भी राशन की दुकान से ( One Nation One Ration Card scheme ) गेहूं ले सकेंगे। राजस्थान की ऑनलाइन वितरण प्रणाली ने काम आसान कर दिया है, लेकिन ऐसे राज्य हैं जो पूरी तरह से डिजिटल नहीं हैं। केंद्र सरकार सभी राज्यों में इस प्रणाली को ऑनलाइन करने की कोशिश कर रही है। यह योजना असंगठित क्षेत्र के उन श्रमिकों के लिए मददगार होगा जो नौकरियों की तलाश में एक राज्य से दूसरे राज्य में जाते हैं। वर्तमान में उन्हें राज्यों को बदलने पर सार्वजनिक वितरण प्रणाली का लाभ पाने के लिए एक नया राशन कार्ड बनाने की आवश्यकता होती है। एक बार योजना पूरे देश में लागू हो जाने के बाद लाभ प्राप्त करने के लिए एक कार्ड पर्याप्त होगा। इसके अलावा इससे फर्जी राशन कार्ड पर भी रोक लगेगी।