-उपराष्ट्रपति ने दिया था समीक्षा का आदेश उपराष्ट्रपति नायडू ने ड्रेस कोड की समीक्षा का आदेश देते हुए कहा था कि राज्यसभा सचिवालय विभिन्न सुझावों पर विचार करने के बाद मार्शलों के लिए एक नया ड्रेस कोड लेकर आया है, लेकिन हमें कुछ राजनीतिक लोगों के साथ-साथ कुछ प्रबुद्ध लोगों से भी टिप्पणियां मिली हैं। इसलिए फैसला लिया गया है कि सचिवालय इस पर फि र से विचार करे। मानसून सत्र के अंतिम दिन तक मार्शलों ने परंपरागत भारतीय पोशाक पहनी थी, जिसमें पगड़ी शामिल थी।
-सैन्य वर्दी की नकल सुरक्षा के लिए खतरा मार्शलों की वर्दी सेना से मिलती-जुलती देख इस पर सेना नाखुशी जताई थी। पूर्व सेना प्रमुख जनरल वी.पी. मलिक सहित सेना के कई पूर्व अधिकारियों ने इस पर नाराजगी जाहिर की। पूर्व जनरल मलिक ने इसे गैरकानूनी तक बता डाला था। पूर्व जनरल मलिक ने कहा था कि गैर सैन्य कर्मियों के सैन्य वर्दी की नकल करना और पहनना गैरकानूनी है और सुरक्षा के लिए खतरा है। उन्होंने उपराष्ट्रपति, राज्यसभा और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से इस पर उचित कार्रवाई करने की मांग की थी। केंद्रीय मंत्री वी.के. सिंह ने भी इसे गैरकानूनी करार दिया था।