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जैसलमेर

तीन साल में 110 करोड़ विकास कार्यों पर खर्च, लेकिन ड्रीम प्रोजेक्ट अधर में

– कामकाज पर हावी रही राजनीतिक चुनौतियां भी- विपक्ष कह रहा, कार्यों की रफ्तार कमजोर

जैसलमेरNov 27, 2022 / 07:59 pm

Deepak Vyas

तीन साल में 110 करोड़ विकास कार्यों पर खर्च, लेकिन ड्रीम प्रोजेक्ट अधर में

तीन साल में 110 करोड़ विकास कार्यों पर खर्च, लेकिन ड्रीम प्रोजेक्ट अधर में

जैसलमेर. कांग्रेस शासित जैसलमेर नगरपरिषद बोर्ड शनिवार को अपनी तीसरी वर्षगांठ मना रहा है। तीन साल के कार्यकाल में बोर्ड को जितनी चुनौती विपक्षी भाजपा से नहीं मिली उससे कहीं ज्यादा दो खेमों में बंटी कांग्रेस के कारण झेलनी पड़ी है। तीन साल के कार्यकाल में अब तक तीन आयुक्त बदले जा चुके हैं। चौथे आयुक्त वर्तमान में कार्यरत हैं। गांधीवादी पूर्व विधायक गोवद्र्धन कल्ला की राजनीतिक विरासत संभालते हुए सभापति हरिवल्लभ कल्ला ने शुरू से तेज गति से विकास कार्यों और बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता के लिए काम करने को तरजीह दी थी, उनकी गति तीसरे साल में और तेज ही हुई। तीन साल में अब तक 100 करोड़ रुपए से ज्यादा राशि के विकास व बुनियादी सुविधाओं के कार्य नगरपरिषद करवा चुकी है। पानी के मोर्चे पर नगरपरिषद ने अपूर्व काम किया और करोड़ों रुपए खर्च कर नई लाइनें बिछाने से लेकर मशीनरी खरीदी व संग्रहण क्षमता बढ़ाई लेकिन दूसरी तरफ टाऊन हॉल का अधूरा कार्य पूरा नहीं हो सका जबकि इसके लिए मुख्यमंत्री ने बजट घोषणा में राशि का भी आवंटन कर दिया था। ऐसे ही गोवद्र्धनदास कल्ला आवासीय योजना का मामला भी उच्च न्यायालय की चौखट पर पहुंच जाने के कारण आवेदक भूखंड आवंटन की बाट जोहने के लिए विवश हैं। शहर के प्रमुख चौराहों के विकास से लेकर अन्य मेगा प्रोजेक्ट की रफ्तार सुस्त है। हालांकि स्वच्छता व साफ-सफाई के लिए नगरपरिषद ने करोड़ों रुपए की नई मशीनरी खरीदी है। साथ ही नेहरू पार्क को शानदार ढंग से तैयार करवाने के अलावा पूनम स्टेडियम, मंगलसिंह पार्क, गांधी कॉलोनी, इंदिरा कॉलोनी व जयनारायण व्यास कॉलोनी आदि में आए पार्कों का अच्छा विकास करवाया गया है।

ये कार्य उल्लेखनीय
– सभापति कल्ला के नेतृत्व वाले बोर्ड ने कार्यकाल के तीसरे साल में प्रमुख सडक़ों की दशा सुधारने के लिए कदम बढ़ाया तथा रेलवे स्टेशन से लेकर हनुमान चौराहा, आफिसर्स क्वाटर्स से लेकर मुख्य बाजारों में सडक़ें नई बनाई गई।
– चालू वित्त वर्ष में विकास व अन्य कार्यों पर 52 करोड़ 73 लाख 95 हजार 448 रुपए का प्रावधान किया हुआ है।
– शहर के प्रमुख हनुमान चौराहा पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की नई अष्टधातु की प्रतिमा स्थापित करवाने के साथ वहां पास में ही 100 फीट ऊंचा तिरंगा झंडा लगाए जाने के कार्य को हर किसी ने सराहा है। अम्बेडकर पार्क में संविधान निर्माता डॉ. बीआर अम्बेडकर व इंदिरा इंडोर स्टेडियम में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की आदमकद प्रतिमाएं स्थापित की जा चुकी हैं।
– गड़ीसर के ठीक सामने सत्यदेव व्यास पार्क और एयरफोर्स चौराहा से सटे नगरपरिषद के भूखंड पर महात्मा गांधी पार्क का निर्माण, विकास आदि कार्यों के लिए कार्य शुरू करवा दिया गया है।
– शहर के प्रमुख मार्गों व स्थलों पर मॉडर्न टायलेट्स का निर्माण करवाने से लोगों को सुविधा मिली है।
– शहर के गड़ीसर चौराहा से लेकर हनुमान चौराहा, अमरसागर चौराहा तक पुरानी रोड लाइट्स के स्थान पर कलात्मक खंभों पर रात्रि प्रकाश की व्यवस्था का कार्य करवाया जा रहा है।
– विभिन्न वार्ड क्षेत्रों में नगरपरिषद ने क्षेत्रवासियों की मांग पर सभा भवन, सत्संग भवन का निर्माण करवाया है।
– शहर के वार्ड 1 से 14 तक में 11 हजार से ज्यादा घरों व दुकानों से स्मार्ट कार्ड पर आधारित कचरा संग्रहण की व्यवस्था की जा रही है।
– नगरपरिषद की तरफ से जमीनों की नीलामी से 22.5 करोड़ रुपए से ज्यादा का राजस्व अर्जित किया गया है। इसी वर्ष परिषद ने पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए जमीनों की ऑनलाइन नीलामी शुरू करवाई है।
– प्रशासन शहरों के संग अभियान में कच्ची बस्तियों में नियमन करते हुए सैकड़ों पट्टे जारी किए गए। फ्री होल्ड पट्टे व 69 के पट्टे भी अच्छी संख्या में दिए गए।

यहां दिख रही विफलताएं
– शहर में बहुप्रतीक्षित गोवद्र्धन दास कल्ला आवासीय योजना के हजारों आवेदक आवंटन का इंतजार कर रहे हैं।
– प्रशासन शहरों के संग अभियान में दुर्ग से 300 मीटर तक क्षेत्रफल में रहने वालों को पट्टे जारी नहीं किए जा सके। इसकी वजह भी उच्च न्यायालय की तरफ से लगाई गई रोक बताई जाती है। इससे लगभग आधे से ज्यादा पुराना शहर पट्टों से वंचित हो गया।
– शहर के मुख्य मार्गों, चौराहों और व्यस्ततम बाजारों में अस्थायी अतिक्रमणों तथा कब्जे बेतहाशा बढ़े हैं। स्वयं सभापति दूध की डेयरी के नाम पर जहां-तहां केबिनें रखवाने के खिलाफ प्रशासन से पत्राचार कर चुके हैं।
– शहर के बाहरी भाग में स्थायी किस्म के अतिक्रमण व अवैध निर्माण भी रोके नहीं जा सके हैं। कुछ जगहों पर अतिक्रमणों पर पीला पंजा चला भी है तो कार्रवाई में निरंतरता का अभाव देखा जा रहा है।

विकास की गति और तेज होगी : कल्ला
सभापति हरिवल्लभ कल्ला से सीधी बात
पत्रिका : तीन साल के कार्यकाल को किस तरह देखते हैं?
सभापति : हमने शहर के विकास और शहरवासियों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाने को प्राथमिकता दी। इसका परिणाम भी सामने आ रहा है। आने वाले दिनों में शहर में विकास की गति और तेज होगी।
पत्रिका : कांग्रेस की गुटबाजी से कितनी परेशानियां आई?
सभापति : मैं ऐसा नहीं मानता। मुझे तो एक कांग्रेसी सभापति होने के चलते केबिनेट मंत्री शाले मोहम्मद तथा जैसलमेर विधायक रूपाराम धनदेव, दोनों का पूरा सहयोग व आशीर्वाद मिलता रहा है।
पत्रिका : सबसे ज्यादा संतोष किस क्षेत्र में काम करते हुए मिला है?
सभापति : शहरवासियों की सेवा करने का अवसर मिल रहा है, यह सबसे बड़ा संतोष है। इसके अलावा जब तक शहर की जलापूर्ति नगरपरिषद के पास रही, हमने करोड़ों रुपए खर्च कर व्यवस्था को सुधारने में कोई कसर नहीं छोड़ी। अब यह जिम्मा फिर से जलदाय विभाग के पास है लेकिन उनके अधिकारी भी कहते हैं कि, शहर में एकांतरा जलापूर्ति व्यवस्था नगरपरिषद के प्रयासों से ही संभव हो पा रही है।
पत्रिका : अतिक्रमणों के संबंध में क्या कहेंगे?
सभापति : हमने सौ से ज्यादा अतिक्रमणकारियों व अवैध निर्माणकर्ताओं को सर्वे करने के बाद नोटिस जारी किए हैं। वे स्वयं आगे आकर सुधार नहीं करेंगे तो परिषद की तरफ से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

कार्यों की गति को बढ़ाया जाए
जैसलमेर शहर में नगरपरिषद की तरफ से कामकाज तो चल रहा है लेकिन उनकी गति धीमी है। इससे शहरवासी परेशान हैं। कार्यों की गति को तेज किया जाना चाहिए। आमजन को बेहतर ढंग की सडक़ें, फर्श, नालियां, साफ-सफाई व्यवस्था ही चाहिए।
– कविता खत्री, पूर्व सभापति, नगरपरिषद जैसलमेर

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