जैसलमेर में वैशाख मास की पूर्णिमा के अवसर पर डीएनपी की ओर से सूरज की रोशनी के साथ पूर्णिमा की धवल चांदनी में दो साल बाद करवाई गई वन्यजीवों की गणना ेमें दुर्लभ राज्यपक्षी 64 गोडावण नजर आने से वन विभाग के कार्मिकों के साथ वन्यजीव प्रेमियों में खुशी का माहौल है। गत वर्ष वैशाख पूर्णिमा के आसपास से लेकर जून के महीने में भी पश्चिमी विक्षोभ के चलते लगातार बारिशें आने की वजह से वन्यजीवों की गणना नहीं करवाई जा सकी थी। इस बार रिकॉर्ड गर्मी के चालू दौर में कुल 44 वाटर पॉइंट्स पर की गई वन्यजीवों की गणना के दौरान अच्छी तादाद में गोडावण के साथ अन्य पशु-पक्षी अपनी प्यास बुझाने वहां पहुंचे। जिले के जैसलमेर क्षेत्र में सुदासरी, गजई माता, जामड़ा चौहानी, सिपला और बरना आदि में 43 और पोकरण क्षेत्र के रामदेवरा इलाके में 21 गोडावण देखे गए हैं। जबकि दो साल पहले करवाई गई गणना में 42 गोडावण नजर आए थे। – डीएनपी ने दो साल बाद पूर्णिमा पर करवाई वन्यजीवों की गणना वन्यजीवों की गणना गोडावण की तादाद में इजाफे से खुशी का माहौल
जैसलमेर में वैशाख मास की पूर्णिमा के अवसर पर डीएनपी की ओर से सूरज की रोशनी के साथ पूर्णिमा की धवल चांदनी में दो साल बाद करवाई गई वन्यजीवों की गणना ेमें दुर्लभ राज्यपक्षी 64 गोडावण नजर आने से वन विभाग के कार्मिकों के साथ वन्यजीव प्रेमियों में खुशी का माहौल है। गत वर्ष वैशाख पूर्णिमा के आसपास से लेकर जून के महीने में भी पश्चिमी विक्षोभ के चलते लगातार बारिशें आने की वजह से वन्यजीवों की गणना नहीं करवाई जा सकी थी। इस बार रिकॉर्ड गर्मी के चालू दौर में कुल 44 वाटर पॉइंट्स पर की गई वन्यजीवों की गणना के दौरान अच्छी तादाद में गोडावण के साथ अन्य पशु-पक्षी अपनी प्यास बुझाने वहां पहुंचे। जिले के जैसलमेर क्षेत्र में सुदासरी, गजई माता, जामड़ा चौहानी, सिपला और बरना आदि में 43 और पोकरण क्षेत्र के रामदेवरा इलाके में 21 गोडावण देखे गए हैं। जबकि दो साल पहले करवाई गई गणना में 42 गोडावण नजर आए थे। – डीएनपी ने दो साल बाद पूर्णिमा पर करवाई वन्यजीवों की गणना वन्यजीवों की गणना गोडावण की तादाद में इजाफे से खुशी का माहौल