बैठक में कहा गया कि ठेकेदार ही सरकारी स्तर पर करवाए जाने वाले प्रत्येक निर्माण कार्य को पूरा करवाता है। उसकी भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। इसके बावजूद ठेकेदारों को उनके किए जाने वाले कार्य का समय पर भुगतान कम ही मिल पाता है। आए दिन सरकारी विभागों में भुगतान की परेशानी ठेकेदारों को झेलनी पड़ती है। जबकि वे सरकार को सभी तरह के टैक्स पहले चुकाते हैं और काम करने के कई साल बाद उन्हें १० प्रतिशत राशि का चुकारा किया जाता है।
सरकार ने विगत वर्षों के दौरान कामकाज में पारदर्शिता और पर्यावरण की रक्षा के लिए ठेके संबंधी कार्य ऑनलाइन करवाए हैं लेकिन आज भी कई महकमों में भी ऑफलाइन औपचारिकताएं भी ठेकेदारों को पूरी करनी पड़ती है। इसके कारण पहले से ज्यादा कागजों का इस्तेमाल होता है।
– सुभाषचंद्र व्यास ठेकेदार जीएसटी व अन्य कर अग्रिम जमा करवाता है। इसके बावजूद उनसे खनन सामग्री की अलग-अलग रॉयल्टी नहीं ली जानी चाहिए।
– रतनसिंह भाटी
– अनिल भूतड़ा राज्य सरकार को ऐसे प्रयास करने चाहिए, जिससे इंस्पेक्टर राज में कमी आए।
– भंवर बिस्सा ठेकेदारों के किए गए कार्य का भुगतान निश्चित समयावधि में हो, यह तय करना चाहिए।
– नरेंद्र कुमार राठौड़
– सिकंदर कलर