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प्रस्तावित राजस्थान बजट पर ठेकेदारों से परिचर्चा,टैक्स प्रणाली में किया जाए सुधार

locationजैसलमेरPublished: Jan 23, 2020 07:45:39 pm

Submitted by:

Deepak Vyas

आगामी दिनों में राजस्थान के प्रस्तावित आम बजट को लेकर राजस्थान पत्रिका के तत्वावधान में समाज के विभिन्न वर्गों के साथ जैसलमेर में की जा रही परिचर्चा की कड़ी में सरकारी विभागों में ठेकेदारों के साथ विचार-विमर्श किया गया। इस अवसर पर संभागियों ने सबसे ज्यादा प्रमुखता से टैक्स प्रणाली में सुधार की जरूरत पर जोर दिया।

Discussion with contractors on proposed Rajasthan budget 2020

प्रस्तावित राजस्थान बजट पर ठेकेदारों से परिचर्चा,टैक्स प्रणाली में किया जाए सुधार

जैसलमेर. आगामी दिनों में राजस्थान के प्रस्तावित आम बजट को लेकर राजस्थान पत्रिका के तत्वावधान में समाज के विभिन्न वर्गों के साथ जैसलमेर में की जा रही परिचर्चा की कड़ी में सरकारी विभागों में ठेकेदारों के साथ विचार-विमर्श किया गया। इस अवसर पर संभागियों ने सबसे ज्यादा प्रमुखता से टैक्स प्रणाली में सुधार की जरूरत पर जोर दिया। उनका कहना था कि टैक्स के जो नियम बड़ी कॉन्ट्रेक्टर कंपनियों और बड़े ठेकेदारों पर लागू होते हैं, उनसे छोटे ठेकेदारों को राहत प्रदान करनी चाहिए। इसके अलावा सरकारी महकमों में कायम लाल फीताशाही के कारण परेशानियां पेश आने का हवाला देते हुए ठेकेदारों ने कहा कि, इंटरनेट के जमाने में सरकारी सिस्टम को चुस्त बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने बजट में ऐसे प्रावधान करने पर भी जोर दिया जिससे पेपरलैस वर्किंग सही मायनों में सुनिश्चित हो। परिचर्चा में सुभाषचंद्र व्यास, रतनसिंह भाटी, अनिल भूतड़ा, भंवर बिस्सा, नरेंद्र कुमार राठौड़ तथा सिकंदर कलर ने अपने विचार प्रकट किए।
समय पर मिले भुगतान
बैठक में कहा गया कि ठेकेदार ही सरकारी स्तर पर करवाए जाने वाले प्रत्येक निर्माण कार्य को पूरा करवाता है। उसकी भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। इसके बावजूद ठेकेदारों को उनके किए जाने वाले कार्य का समय पर भुगतान कम ही मिल पाता है। आए दिन सरकारी विभागों में भुगतान की परेशानी ठेकेदारों को झेलनी पड़ती है। जबकि वे सरकार को सभी तरह के टैक्स पहले चुकाते हैं और काम करने के कई साल बाद उन्हें १० प्रतिशत राशि का चुकारा किया जाता है।
ऑनलाइन के बावजूद कागज बढ़े
सरकार ने विगत वर्षों के दौरान कामकाज में पारदर्शिता और पर्यावरण की रक्षा के लिए ठेके संबंधी कार्य ऑनलाइन करवाए हैं लेकिन आज भी कई महकमों में भी ऑफलाइन औपचारिकताएं भी ठेकेदारों को पूरी करनी पड़ती है। इसके कारण पहले से ज्यादा कागजों का इस्तेमाल होता है।
ठेकेदारों पर टैक्स वसूली उनकी श्रेणी के हिसाब से करनी चाहिए। छोटे ठेकेदारों को जीएसटी व अन्य करों में राहत मिलनी चाहिए।
– सुभाषचंद्र व्यास

ठेकेदार जीएसटी व अन्य कर अग्रिम जमा करवाता है। इसके बावजूद उनसे खनन सामग्री की अलग-अलग रॉयल्टी नहीं ली जानी चाहिए।
– रतनसिंह भाटी
विभागों में सरकारी कर्मचारियों की कमी विशेषकर लेखा सेवा के कार्मिकों की पूर्ति जरूरी है।
– अनिल भूतड़ा

राज्य सरकार को ऐसे प्रयास करने चाहिए, जिससे इंस्पेक्टर राज में कमी आए।
– भंवर बिस्सा

ठेकेदारों के किए गए कार्य का भुगतान निश्चित समयावधि में हो, यह तय करना चाहिए।
– नरेंद्र कुमार राठौड़
श्रमिकों का ईपीएफ जमा करवाने की बाध्यता बड़ी कंपनियों के लिए तो उचित है, लेकिन छोटे ठेकेदारों को इससे मुक्त रखना चाहिए क्योंकि उनके श्रमिक अस्थायी होते हैं।
– सिकंदर कलर

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