अस्पताल में उमड़े मरीज
सोमवार सुबह से जिला मुख्यालय स्थित जवाहर चिकित्सालय में सैंकड़ों की तादाद में विभिन्न बीमारियों से पीडि़त मरीज पहुंचे। जब उन्हें पता चला कि, आज सभी डॉक्टर अवकाश पर हैं तो वे खासे निराश हुए। बहरहाल चिकित्सालय प्रशासन ने वैकल्पिक तौर पर यहां राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत कार्यरत एक दंत चिकित्सक और आयुर्वेद चिकित्सक को रोगियों को देखने के लिए तैनात किया। खुद पीएमओ डॉ. जेआर पंवार भी ओपीडी व अन्य व्यवस्थाओं को संभालने की जुगत में रहे। हालांकि विशेषज्ञ चिकित्सकों के काम पर नहीं आने से मरीजों को राहत नहीं मिल सकी और वे मजबूर होकर निजी चिकित्सालयों में इलाज के लिए पहुंचे।
बरामदों में पसरा सन्नाटा
जिला अस्पताल के ओपीडी में एक तरफ से मरीजों की भारी भीड़ दिखी वहीं विशेषज्ञ चिकित्सकों के कक्षों पर ताले नहीं खुलने से बरामदों में सन्नाटा रहा। अस्पताल में रोगियों को इन्डोर भर्ती करने का काम भी नहीं के बराबर हुआ। चिकित्सकों के अभाव में पैथोलॉजी लैब, ऑपरेशन थिएटर, सर्जरी, प्रसव जांच सेवाएं आदि प्रभावित हुई। सेवारत चिकित्सक संघ आंदोलन को लेकर आगे क्या रणनीति अपनाएगा, अभी यह साफ नहीं है। संघ से जुड़े पदाधिकारियों के मोबाइल स्विच ऑफ होने से उनसे सम्पर्क नहीं हो पाया। जिला प्रशासन ने डॉक्टर्स के आंदोलनात्मक रुख पर चिकित्सालय प्रशासन से सम्पर्क बनाया हुआ है। आयुर्वेद चिकित्सकों की सेवाएं बड़े पैमाने पर लिए जाने का निर्णय भी किया जा सकता है।