– क्षतिग्रस्त हो रही जीएलआर व पशुखेली
जैसलमेर•Jul 10, 2020 / 11:19 pm•
Deepak Vyas
पेयजल संकट : 12 वर्ष पूर्व की थी टेस्टिंग, अभी तक नहीं की जलापूर्ति
पोकरण. दूर दराज गांवों व ढाणियों तक जलापूर्ति सुचारु करने को लेकर जलदाय विभाग की ओर से विभागीय प्लान बनाया जाता है तथा जमीन पर निर्माण कार्य भी करवाए जाते है, लेकिन लापरवाही के कारण ग्रामीणों को पानी नसीब भी नहीं हो पाता है। ऐसा ही मामला है कजोई गांव के मेघवालों की ढाणी का। यहां जलदाय विभाग की ओर से 12 वर्ष पूर्व जीएलआर का निर्माण करवाया गया, लेकिन अभी तक जलापूर्ति शुरू नहीं की गई है। विभाग की ओर से यहां जीएलआर व पशुखेली का निर्माण करवाया गया। निर्माण के बाद एक बार विभाग की ओर से पानी की टेस्टिंग की गई। इसके बाद यहां आज तक कभी जलापूर्ति नहीं की गई है। जिसके कारण ग्रामीणों को ट्रैक्टर टंकियों से पानी खरीदकर मंगवाना पड़ रहा है। जिससे उन्हें परेशानी हो रही है। इसी प्रकार यहां निर्मित पशुखेली भी सूखी होने के कारण मवेशी को पानी के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। बावजूद इसकेे जलदाय विभाग की ओर से जलापूर्ति करने को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
क्षतिग्रस्त हो गए जीएलआर व पशुखेली
निर्माण के बाद न तो जलापूर्ति शुरू की गई, न ही देखभाल व सारसंभाल। ऐसे में जीएलआर व पशुखेली सूखे ही पड़े है। 12 वर्षों से एक बार भी मरम्मत नहीं होने के कारण जीएलआर व पशुखेली पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुके है। जिनकी मरम्मत को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। जिससे सरकार की ओर से खर्च की गई लाखों रुपए की धनराशि का भी कोई उपयोग नहीं हो रहा है।
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