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जैसलमेर

Jaisalmer Crime- जेल में बैठे इस शातिर अपराधी ने जैसलमेर सदर थाने का सीआई बन काॅस्टेबल से ही कर डाली इतनी बडी ठगी

फर्जी सीआई ने कांस्टेबल से ठगे दो लाख रुपए!- पुलिस ने आरोपित को किया गिरफ्तार

जैसलमेरOct 31, 2017 / 09:36 am

jitendra changani

Jaisalmer patrika

Jaisalmer crime

जैसलमेर (पोकरण.) क्षेत्र के भणियाणा निवासी व पुलिस में कांस्टेबल के पद पर कार्यरत एक युवक से फर्जी पुलिस निरीक्षक बन एक जने ने दो लाख रुपए ठग लिए। उसने फोन कर अपने बैंक खाते में आरटीजीएस के माध्यम से रुपए जमा करवाने को कहा था। बाद में मामला दर्ज होने के बाद पुलिस ने मामले का पर्दाफाश करते हुए फर्जी पुलिस निरीक्षक को सोमवार को न्यायालय के प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार किया।
थानाधिकारी माणकराम विश्रोई के अनुसार भणियाणा निवासी कांस्टेबल राजेन्द्र पुत्र खरताराम चौधरी ने गत दिनों रिपोर्ट पेश कर बताया कि 18 अगस्त को वह अपने घर बैठा था। तभी उसके मोबाइल पर एक फोन आया कि मैं सीआई सदर जैसलमेर महेश श्रीमाली बोल रहा हूं। मेरे रिश्तेदार गुजरात में है व उन्हें कुछ रुपयों की जरूरत है। यदि तुम्हारा कोई जान पहचान वाला या रिश्तेदार वहां हो, तो उनके खाते में दो लाख रुपए आरटीजीएस करवाकर उनकी मदद करें। ये रुपए दो-तीन दिन में उन्हें वापस कर देंगे। इस पर उसने मदद की नीयत से अपने एक रिश्तेदार सिणधरी बाड़मेर हाल सूरत निवासी अणदाराम चौधरी को फोन कर बैंक खाता नंबर दिए तथा दो लाख रुपए आरटीजीएस करवाने को कहा। ऐसा कहकर उसने आए हुए फोन नंबर पर पुन: फोन कर अणदाराम के नंबर दे दिए। इस पर उस व्यक्ति ने अणदाराम को राजेन्द्र का हवाला देकर एक बैंक खाता नंबर दिए तथा दो लाख रुपए आरटीजीएस करवाने का कहा और यह भी कहा कि वह अभी बलसाड़ गुजरात में है एवं बलसाड़ गुजरात से आते ही दो लाख रुपए अणदाराम के खाते में पुन: जमा करवा देगा। अणदाराम ने दिए गए बैंक खाता नंबर में दो लाख रुपए आरटीजीएस के माध्यम से ट्रांसफर करवा दिए। तीन दिन बाद जब अणदाराम ने उस मोबाइल नंबरों पर फोन किया, तो उसने मजबूरी जाहिर करते हुए दो दिन में रुपए जमा करवाने का भरोसा दिलाया। जब चार-पांच दिन बाद भी रुपए खाते में जमा नहीं करवाए, तब उसने फिर उसी नंबर पर कॉल किया, तो मोबाइल बंद आया। जिसकी सूचना अणदाराम ने राजेन्द्र को दी। राजेन्द्र ने भी कई बार फोन लगाने का प्रयास किया, लेकिन फोन बंद था। तब उसने सदर थानाधिकारी महेश श्रीमाली से बात की, तब उन्होंने बताया कि उन्होंने ऐसा कोई फोन नहीं किया, न ही ये नंबर उनके है। इस पर राजेन्द्र को किसी फर्जी व्यक्ति की ओर से सीआई बनकर ठगी करने का अहसास हुआ।
पुलिस ने किया पर्दाफाश
थानाधिकारी विश्रोई ने बताया कि रिपोर्ट के आधार पर जांच शुरू की। उन्होंने बताया कि पुलिस ने सबसे पहले मोबाइल नंबरों के आधार पर जांच शुरू की, तो वह सिम पाली जिलांतर्गत सोनाई शिवपुरा निवासी अर्जुनराम मेघवाल के नाम की होना पाया गया। अर्जुनराम से पूछताछ की, तो उसने बताया कि उसके पास ऐसे कोई टेलीफोन नंबर नहीं है तथा किसी व्यक्ति ने फर्जी आईडी बनाकर उसके नाम से सिम ली है। पुलिस ने जांच को आगे बढ़ाते हुए आरटीजीएस स्लीप के आधार पर उस खाते का स्टेटमेंट निकलवाया। इसमें दो लाख रुपए आरटीजीएस करवाए गए थे। यह खाता रजतनगर पाली निवासी सुरेश उर्फ भेडिय़ा पुत्र भंवरलाल घांची का होना पाया गया। उसके खाते का रिकॉर्ड देखने पर उसके केवाईसी फार्म पर भी वही मोबाइल नंबर लिखे हुए थे, जो फर्जी आईडी से उठाए गए थे। जिसका वह लम्बे समय से उपयोग कर रहा था। उन्होंने गत चार दिन पूर्व मुख्य आरक्षक खेतसिंह, अनोपाराम, श्रीराम विश्रोई व मय जाब्ता सुरेश घांची के घर पर दबिश दी, तो जानकारी मिली कि वह अन्य किसी मामले में रतनगढ़ चुरू जेल में है। इस पर पुलिस ने उसे सोमवार को प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया। जहां उसे गहन पूछताछ के लिए चार दिन तक पुलिस अभिरक्षा में रखने के आदेश दिए गए

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