जिम्मेदारों की प्राथमिकताओं में ही नजर नहीं आता महोत्सव! जैसलमेर. मरु महोत्सव जैसे अहम आयोजन को लेकर पर्यटन विभाग जहां लीक पीटने को तरजीह देता है, वहीं स्थानीय सरकार यानी
जैसलमेर नगरपरिषद को तो जैसे इससे कोई सरोकार ही नहीं है। जिस महोत्सव में शामिल होने के लिए देश और दुनिया भर के सैलानी उत्साह के साथ जैसलमेर पहुंचते रहे हैं और कई राज्यों के कलाकार व प्रतियोगिताओं में भाग लेने के इच्छुक लोग आते हैं, उनके मन में शहर की उम्दा छवि को उभारने के प्रति नगरपरिषद हर बार की भांति इस बार भी अंतिम समय में ‘अलर्ट मोड’ में आने जैसे मूड में है।
अब नहीं तो कब ?जैसलमेर शहर की मुख्य सडक़ों पर स्वच्छंद घूमते गोवंश के अलावा आवारा श्वानों और सूअरों की बढ़ती तादाद की ओर किसी का
ध्यान नहीं है।
हनुमान चौराहा से लेकर गड़ीसर चौराहा तक के प्रमुख इलाकों में पशुओं की भरमार अब भी नजर आ रही है। पिछली बार मरु महोत्सव की शोभायात्रा के मार्ग में आने वाली नालियों को लोहे के पत्तरों से ढंका गया था ताकि इसमें शामिल होने वालों का पांव नाली में नहीं जाए। नालियों के ऊपर की यह कवरिंग अब सभी जगह से हट चुकी है। उन्हें ढंकने के साथ ही शहर के प्रमुख स्थलों को विरूपित करने वाली विभिन्न प्रचार सामग्री यथा चिपकाए गए पोस्टर्स और लगाए गए बैनर्स को हटवाने की दिशा में भी नगरपरिषद कोई कार्रवाई करती नजर नहीं आती।