मोहनगढ़ क्षेत्र में रहने वाले ग्रामीण परपम्परागत रुप से खेती व पशु पालन से जुड़े होने से यह क्षेत्र जिले का सबसे बड़ा कृषि क्षेत्र है। इस क्षेत्र में नहर आने के बाद कृषि विकास ने रफ्तार भी पकड़ी और सरकार ने इस रफ्तार को बढ़ाने के लिए कृषि कार्यालय की स्थापना कर संबल भी दिया, लेकिन कार्यालय में अधिकारियों व कर्मचारियों की नियुक्ति के अभाव में दुर्बल किसान सबल नहीं बन पाए। हालांकि नहरी पानी ने किसानों को सबल जरुर दिया है, लेकिन योजनाओं का ज्ञान नहीं होने से किसान आधुनिक खेती से नहीं जुड़ पानं से यहां के किसानों की आर्थिक स्थिति नहीं सुधर रही।
दो दशक से जिम्मेदारों का इंतजार
जानकारों की माने तो मोहनगढ़ में दो दशक पहले सरकार की अनुशंसा पर जिला विस्तार अधिकारी कृषि सीएडी आईजीएनपी, मोहनगढ की स्थापना कर जिला विस्तार अधिकारी सहित 75 फीसदी पद रिक्त होने से इस कार्यालय से जारी योजनाओं की मॉनिटरिंग नहीं हो पा रही और ना ही योजनाओं की जानकारी देने वाला कोई है। किसानों का दो दशक से विभागीय कार्यालय में अधिकारियों की नियुक्ति का इंतजार पूरा नहीं हो रहा।
जानकारों की माने तो मोहनगढ क्षेत्र में किसानों को सरकारी सुविधाओं के लाभ पहुंचाने, खाद बीज उपलब्ध करवाने, कृषि बीमा योजना के प्रति किसानों को जागरुक करने, कृषि उद्यानिक योजना सहित अन्य खेती संबंधी सुविधाएं उपलब्ध करवाने की योजना का लाभ यहां के किसानों को नहीं मिल पा रहा।
जानकारी के अनुसार मोहनगढ़ में 18 हजार मुरब्बों का आवंटन है और यहां 25 हजार से अधिक किसान कृषि कार्य कर रहे है। ऐसे में यहां के जीवन के साथ आर्थिक व्यवस्था कृषि कार्य पर निर्भर हो गई है।
फैक्ट फाइल
– 250 वर्ग किमी क्षेत्र में फैला है मोहनगढ़ का कृषि क्षेत्र
– 18 हजार मुरब्बे आवंटित है कस्बे में।
– 25 हजार से अधिक किसानों का जीवन जुड़ा है कृषि क्षेत्र से।
– 75 फसदी पद रिक्त है जिला विस्तार अधिकारी (कृषि)सीएडी आईजीएनपी कार्यालय में।
मोहनगढ़ का नहरी क्षेत्र ढाई सो वर्ग किमी क्षेत्र में फैला है, जहां कृषि कार्य होता है। ऐसे में यहां कृषि विस्तार की असीम संभावनाएं है। सरकार को यहां स्थापित कार्यालय में पूरा स्टॉफ नियुक्त कर किसानों के लिए सभी योजनाओं के द्वार खोलने चाहिए।
– दिलीपसिंह, जागरुक किसान
नहीं मिलती योजना की जानकारी
नहरी क्षेत्र में कृषि विभाग कार्यालय में अधिकारी नहीं होने से यहां के किसानों को योजनाओं की जानकारी नहीं मिल पा रही। जिससे यहां के किसान आधुनिक खेती से नहीं जुड़ पा रहे।
– आजम खां सांवरा किसान 3 एमजीएम, मोहनगढ़