सड़क हादसों में आएगी कमी तो तुरंत मिलेगी चिकित्सा सहायता भी
जैसलमेर. राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र एनआइसी की ओर से जैसलमेर जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय में पुलिस कर्मियों को एकीकृत सड़क दुर्घटना डेटाबेस का प्रशिक्षण दिया गया। केन्द्रीय दुर्घटना डेटाबेस प्रबन्धन आईआरएडी सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की ओर से शुरू किया गया है। आईआरएडी एप के सम्बन्ध में प्रशिक्षण राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र के जिला आसूचना अधिकारी नवीन माथुर, सहायक जिला आसूचना अधिकारी चन्द्रेश कुमार एवं रोल आउट मैनेजर सौरभ शर्मा द्वारा दिया गया। प्रशिक्षण में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विपिन शर्मा एवं जिले के सभी पुलिस थानों व वृत्त स्तर से दो-दो पुलिस कार्मिकों को डेटाबेस के बारे में विस्तार से व्यवहारिक जानकारी दी गई।
राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र के जिला आसूचना अधिकारी नवीन माथुर ने बताया कि राज्य में सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाए जाने के लिए सड़क परिवहन एवं राज्यमार्ग मंत्रालय भारत सरकार द्वारा आईआईटी मद्रास के सहयोग से एकीकृत सड़क दुर्घटना डेटाबेस तैयार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इसमें दुर्घटना स्थल पर पुलिस द्वारा मोबाइल एप पर विवरण दर्ज करने, दुर्घटना में प्रभावित व्यक्ति नाम, उम्र, पता, वाहन का नम्बर, लाइसेंस संख्या, स्थान, दुर्घटना संभावित कारण, फोटो, वीडियो पुलिस एप में अपलोड करने आदि के बारे में प्रशिक्षण में बताया गया।
प्रक्रिया पूर्ण होते ही स्वास्थ्य केन्द्र में पहुंचेगी सूचना
उन्होंने बताया कि दुर्घटना स्थल पर ही ऑनलाइन डेटा बेस प्रक्रिया पूरी होते ही पास के स्वास्थ्य केन्द्र में पोर्टल से सूचना पहुंचेगी। इस आधार पर ईलाज संबंधी तैयारियां अस्पताल में होंगी। पीडब्ल्यूडी व परिवहन विभाग के पास भी इसकी सूचना स्वचालित प्रणाली से पहुंचेगी। यह विभाग घटना के कारणों का विश्लेषण कर रिपोर्ट तैयार कर ऑनलाइन दर्ज करेगा। इन आंकड़ों का अध्ययन आइआइटी मद्रास करेगी व फिर वह यह सुझाव देगी की दुर्घटना में कमी लाने के लिए क्या सुधार किए जा सकेंगे।