स्मृति शेष: जैसलमेर के सौंदर्य को अक्षुण्ण रखने के पक्षधर थे इरफान
– स्वर्णनगरी की यात्रा पर कई बार आए थे दिग्गज अभिनेता
स्मृति शेष: जैसलमेर के सौंदर्य को अक्षुण्ण रखने के पक्षधर थे इरफान
जैसलमेर. रंगमंच की दुनिया से शुरुआत कर बॉलीवुड और हॉलीवुड तक विशिष्ट अभिनय शैली से अपनी अलहदा पहचान बनाने वाले इरफान खान का बुधवार को निधन हो जाने के बाद कलात्मक जैसलमेर शहर के बाशिंदे स्तब्ध रह गए। फिल्मों की शूटिंग के सिलसिले में बीते वर्षों के दौरान कई बार जैसलमेर आने वाले इरफान खान ने सहज व्यवहार और एक आम इंसान की भांति यहां के निवासियों के साथ दोस्ती का जो रिश्ता बनाया था, उसका ही नतीजा रहा कि, बड़े पैमाने पर जैसलमेर के लोगों ने सोशल मीडिया के प्लेटफार्मों पर इरफान के तथा उनके साथ अपने फोटो अपलोड कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। जहां तक जैसलमेर के संबंध में इरफान खान के आकर्षण का सवाल है, वह बहुत गहरा था। वर्ष २०१६ में अंग्रेजी फिल्म द साँग ऑफ स्कॉर्पियन की शूटिंग के क्रम में कई दिनों तक जैसलमेर में रुके इरफान ने जैसलमेर के स्थापत्य, कला-संस्कृति की बेहद प्रशंसा करते हुए इच्छा जताई कि, जैसलमेर की मौलिकता अक्षुण्ण बनी रहे। उन्होंने कहा था कि यहां के दुर्ग, हवेलियां, रेत, लोक संस्कृति, यह सब विशिष्ट धरोहर है। इसमें समय के साथ किसी तरह का बदलाव नहीं आना चाहिए।
सबसे घुल मिल जाते थे इरफान
जैसलमेर के अंदरूनी क्षेत्र में आए ढिब्बा पाड़ा में फिल्म की शूटिंग के दौरान इरफान खान के दो रूप देखने को मिले थे। जब वह कैमरे के सामने होते तब अपने काम में पूरी तरह से खो जाते, लेकिन जैसे ही शॉट ओके होता, वह आम आदमी की तरह शूटिंग के स्टाफ सदस्यों के साथ ही वहां आसपास जमा स्थानीय लोगों से बहुत आत्मीयता से पेश आते। उस फिल्म में इरफान को पतंगबाजी करनी थी। इसके लिए उन्होंने कई दिनों तक गड़ीसर पाल के पास शाम के समय घंटों तक पतंगें उड़ाई। जयपुर निवासी इरफान खान को पतंगबाजी का अच्छा खासा तजुर्बा था। शूटिंग खत्म होने के बाद इरफान खान ने प्रशंसकों के साथ खूब फोटो खिंचवाए थे और बहुत आत्मीयता से मिले थे। उन्हें याद कर कई लोग रुआंसा हो गए।
स्टार बने तब भी नहीं भूले
जैसलमेर निवासी चंद्रसिंह उज्जवल ने इरफान के साथ कई फोटो सोशल मीडिया पर अपलोड कर याद किया कि, वर्ष २००० में जब इरफान बायपास फिल्म की शूटिंग के लिए जैसलमेर आए तब उनसे मुलाकात हुई। इसके कई वर्षों बाद जब वह जैसलमेर आए तब तक बड़े स्टार बन चुके थे। चंद्रसिंह ने सोचा, अब इरफान बड़ा नाम बना चुके हैं, उन्हें कहां याद होगा, लेकिन यहां आने के बाद इरफान ने स्वयं उन्हें फोन कर अपने होटल बुलाया। चंद्रसिह के अनुसार जब से उनका स्वास्थ्य खराब हुआ, वे नियमित रूप से फोन पर मैसेज कर हालचाल पूछ लेते। बुधवार को उनके निधन की खबर ने अत्यंत दुखी कर दिया।
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