जैसलमेर गो पालन के लिए सबसे उपयुक्त स्थान: दत्तशरणानंद
-वेद लक्षणा गो संदेश यात्रा का जैसलमेर में भावपूर्ण स्वागत-गो भक्तों ने लिया गो रक्षा का संकल्प
जैसलमेर गो पालन के लिए सबसे उपयुक्त स्थान: दत्तशरणानंद
जैसलमेर. गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा के संस्थापक स्वामी दत्तशरणानंद महाराज के पावन सानिध्य में वेद लक्षणा गांव संदेश यात्रा के जैसलमेर पहुंचने पर गो भक्तों ने जोरदार स्वागत किया। यात्रा के अवसर पर आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में प्रात: स्वामी दत्तशरणानंद महाराज के सानिध्य में विभिन्न संतों व जैसलमेर के प्रमुख गो भक्तों ने नगर के गीता आश्रम, भास्कर मोहल्ला, हनुमान चौराहा, मैनपुरा व कलाकार कॉलोनी क्षेत्र में सुरभि संकीर्तन एवं क्षेत्र सफाई कार्यक्रम के अंतर्गत पॉलिथीन और प्लास्टिक सामग्री को एकत्रित कर गोवंश को प्लास्टिक तथा पॉलीथिन से बचाने का संदेश दिया। इसके बाद नंदी पूजन व सुरभि महायज्ञ का आयोजन हुआ।
सत्संग सभा का आयोजन
भारती महाराज का ठिकाना गजरूपसागर में वेद लक्षणा गो महिमा सत्संग सभा का आगाज ज्योति पूजन से हुआ। गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा के संस्थापक स्वामी दत्तशरणानंद महाराज ने जैसलमेर को भगवान श्रीकृष्ण के यदुवंश की भूमि बताते हुए गोपालन के लिए सर्वदा उपयुक्त स्थान बताया। महाराज ने जैसलमेर में गोपालन की ऐतिहासिक जानकारी दी तथा कहा कि जैसलमेर की स्वर्णनगरी के रूप में पहचान यहां होने वाली स्वर्ण घास के नाम से हुई। स्वर्ण घास को ही अब अपभ्रंश से सेवण घास कहा जाने लगा है। ईश्वरीय कृपा ही है कि गो ग्रास के लिए सर्वोत्तम घास सेवण जैसलमेर में प्रचुरता से पाई जाती है। समाज व शासन-प्रशासन को यहां गो संरक्षण के लिए गो अभयारण्य की स्वीकृति जल्द प्रदान करनी चाहिए। राजस्थान गो सेवा समिति के प्रदेश मंत्री आलोक सिंघल ने वेद लक्षणा गो संदेश यात्रा की प्रस्तावना रखी और गो संरक्षण और गो संवर्धन के लिए किए गए प्रयासों की जानकारी प्रदान की। तारातरा मठ के महंत प्रतापपुरी ने जैसलमेर वासियों को गो संरक्षण एवं गो संवर्धन का कार्य स्वयं करने तथा गो रक्षा में लगे कार्यकर्ताओं के सहयोग के लिए आगे आने का आह्वान किया।
शक्तिपीठों की जानकारी दी
गो पर्यावरण एवं अध्यात्म चेतना पदयात्रा के प्रणेता संत गोपालानंद सरस्वती ने जैसलमेर की विभिन्न शक्तिपीठों की जानकारी दी। माता शक्ति का विभिन्न स्वरूपों में अवतार, गो माता की रक्षा के लिए ही इस धरा पर हुआ। गो सेवा समिति के संरक्षक थानापति महंत हीरापुरी महाराज ने भारतीय गोवंश की महिमा व सामाजिक उपयोगिता बताते हुए विदेशी गाय को न अपनाने की सलाह दी। समिति के प्रदेश अध्यक्ष महंत दिनेश गिरी महाराज ने जैसलमेर में राजस्थान गो सेवा समिति का गठन करने एवं समिति के माध्यम से गोशालाओं और गोपालकों की कठिनाइयों को दूर कर गो पालन के लिए उपयुक्त वातावरण का निर्माण करने का आह्वान किया एवं समिति के सदस्यों की घोषणा की।
गो सेवा समिति का गठन
राजस्थान गो सेवा समिति की जैसलमेर जिला समिति में गोरखनाथ महाराज व प्रतापपुरी महाराज को संरक्षक, निरंजन भारती संयोजक, बाल भारती महाराज व रावलपुरी महाराज सह संयोजक, भगवानदास भूतड़ा, शैतान सिंह सत्तो व पवन वैष्णव को समिति सदस्य बनाया गया। दिनेश गिरी महाराज ने कहा कि इस समिति का भविष्य में विस्तार किया जाएगा। इस अवसर पर महंत रविंद्रानंद सरस्वती, मनोहर शरण महाराज, धर्मानंद महाराज, कमलेश आनंद भारती, संत जगन्नाथ, संत सांवलाराम, संत भगवान भारती, संत किशनदास, नरेंद्र मेघा, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग संघचालक अमृतलाल दैया, जिला प्रमुख प्रतापसिंह सोलंकी, पूर्व विधायक छोटूसिंह भाटी, पूर्व जिला प्रमुख अंजना मेघवाल, पंचायत समिति सम प्रधान तनसिंह सोढा, फतेहगढ़ प्रधान जनकसिंह, लखसिंह भाटी, विक्रमसिंह नाचना, कन्हैया गौशाला के अध्यक्ष डॉ.दाऊलाल शर्मा, विश्व हिंदू परिषद प्रांत सह संत संपर्क प्रमुख ताराचंद जोशी, बजरंग दल विभाग संयोजक लालू सिंह सोढ़ा, रमण सोनी आदि उपस्थित थे।
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