जैसलमेर

15 दिन में दुर्ग में अतिक्रमण व वाणिज्यिक गतिविधियां होगी सूचीबद्ध

-कलक्टर ने कहा, सोनार दुर्ग के मौलिक स्वरूप को बनाएं रखने की जरूरत

जैसलमेरApr 17, 2019 / 06:49 pm

Deepak Vyas

जैसलमेर. जिला कलक्टर नमित मेहता ने कहा कि सोनार दुर्ग विश्व धरोहर है। इसका मौलिक स्वरूप बना रहें, इसके लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग, जिला प्रशासन व नगरपरिषद को संयुक्त रूप से आवश्यक कार्यवाही करनी होगी। उन्होंने एएसआई के अधिकारी को दुर्ग के अन्दर जो अतिक्रमण चिह्नित किए गए है, उसकी सूची के साथ ही जो वाणिज्यिक गतिविधियां को 15 दिन में चिह्नित कर रिपोर्ट पेश करने को कहा हैै। उन्होंने कहा कि मुख्य रूप से दुर्ग संरक्षण की जिम्मेदारी एएसआई की है, इसलिए उन्हें इस क्षेत्र में गंभीरता के साथ कार्यवाही करने की भी जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि इसके लिए वे अपने उच्च अधिकारियों से भी सहयोग लेकर दुर्ग के मौलिक स्वरूप को बनाएं रखने के लिए विशेष कार्य योजना बनाएं। जिला कलक्टर मेहता ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में दुर्ग के संरक्षण एवं उसके मौलिक स्वरूप को बचाएं रखने के संबंध में आयोजित महत्वपूर्ण बैठक के दौरान यह बात कही। बैठक में अतिरिक्त जिला कलक्टर भागीरथ विश्नोई, उपखण्ड अधिकारी अजय, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जयनारायण, सचिव नगर विकास न्यास चंचल वर्मा, आयुक्त नगरपरिषद सुखराम खोखर, अधीक्षण अभियंता जलदाय सुरेशचंद जैन, विद्युत एनके जोशी, एएसआई के संरक्षण सहायक प्रेम शर्मा उपस्थित थे।
यह सुनिश्चित करें कि नहीं हो अनाधिकृत अतिक्रमण
बैठक के अवसर पर जिला कलक्टर ने एएसआई के अधिकारी को निर्देश दिए कि वे यह सुनिश्चित करें कि दुर्ग में किसी भी प्रकार का अनाधिकृत अतिक्रमण नहीं हो, वहीं वहां पर कोई भी नया निर्माण बिना स्वीकृति के नहीं हो। जिला कलक्टर ने दुर्ग की मोरियों में किए गए अतिक्रमण को हटाने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी कहा कि दुर्ग में घरों व पेइंग गेस्ट व होटलों पर छप्परे व टिन शेड लगे हुए है, जो दुर्ग का मौलिक स्वरूप बिगाड़ रहे हंै। इसके लिए भी एएसआई के अधिकारी को 15 दिन में इनका भी चिह्निकरण कराने को कहा है। उन्होंने कहा कि एएसआई की ओर से जो अतिक्रमण के केसेज चिह्नित किए गए है, उनकी अपने स्तर पर समीक्षा करके उसको हटाने के आदेश पारित करें एवं इसके लिए पुलिस, प्रशासन एवं नगरपरिषद का भी पूरा सहयोग लें। उन्होंने यह भी कहा कि जिन अतिक्रमण के मामलों में निर्णय पारित करना है, उसमें भी 15 दिन में निर्णय पारित कर करने की कार्यवाही करावें।
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