आखिर क्यों हो रहा फिल्मकारों का मोह भंंग
-जैसलमेर में फिल्मों आदि की शूटिंग करने के संबंध मे सख्त नियम।
-300 गांव बाहरी लोगों की आवाजाही व अन्य गतिविधियों के लिए प्रतिबंधित है।
-आठ पुलिस थाना क्षेत्र प्रतिबंधित क्षेत्र में हैं, जहां बाहरी व्यक्ति को आवाजाही के लिए भी प्रशासन से पूर्वानुमति लेनी होती है।
-फिल्म यूनिट में कई तकनीशियन आदि विदेशी नागरिक होते हैं, उनके लिए तो जैसलमेर में काम करना और ज्यादा कठिन हो जाता है।
-शूटिंग यूनिट्स के यहां नहीं पहुंचने का एक बड़ा कारण हवाई सेवा का समुचित प्रचार-प्रसार नहीं होना भी माना जा रहा है।
– जानकारों की मानें तो फिल्म शूटिंग की आसानी से अनुमति न मिलने से ८० फीसदी फिल्मों की शूटिंग जैसलमेर की बजाय अन्यत्र हो रही हैै।
-जैसलमेर में फिल्मों आदि की शूटिंग करने के संबंध मे सख्त नियम।
-300 गांव बाहरी लोगों की आवाजाही व अन्य गतिविधियों के लिए प्रतिबंधित है।
-आठ पुलिस थाना क्षेत्र प्रतिबंधित क्षेत्र में हैं, जहां बाहरी व्यक्ति को आवाजाही के लिए भी प्रशासन से पूर्वानुमति लेनी होती है।
-फिल्म यूनिट में कई तकनीशियन आदि विदेशी नागरिक होते हैं, उनके लिए तो जैसलमेर में काम करना और ज्यादा कठिन हो जाता है।
-शूटिंग यूनिट्स के यहां नहीं पहुंचने का एक बड़ा कारण हवाई सेवा का समुचित प्रचार-प्रसार नहीं होना भी माना जा रहा है।
– जानकारों की मानें तो फिल्म शूटिंग की आसानी से अनुमति न मिलने से ८० फीसदी फिल्मों की शूटिंग जैसलमेर की बजाय अन्यत्र हो रही हैै।
बादशाहों की शूटिंग में आई थी अड़चन
अजय देवगन की प्रमुख भूमिका वाली ‘बादशाहो’ की शूटिंग के दौरान पूरी फिल्म यूनिट को जिले के सीमावर्ती रणाऊमें काफी कड़वे अनुभवों से गुजरना पड़ा था और अनुमति बड़ी मशक्कतके बाद मिल पाई थी।
अजय देवगन की प्रमुख भूमिका वाली ‘बादशाहो’ की शूटिंग के दौरान पूरी फिल्म यूनिट को जिले के सीमावर्ती रणाऊमें काफी कड़वे अनुभवों से गुजरना पड़ा था और अनुमति बड़ी मशक्कतके बाद मिल पाई थी।
अछूती लोकेशन तक पहुंच मुश्किल
-सोनार दुर्ग, सम के धोरों, हवेलियों, गड़ीसर सरोवर, कुलधरा आदि जगहों को दर्शक पर्दे पर कई बार देख चुके हैं। ये बन सकते है शूटिंग के नए स्थल -काणोद एवं जोगा जैसे गांवों में विशाल रण है, जो कच्छ के रण को टक्कर दे सकते हैं।
-सोनार दुर्ग, सम के धोरों, हवेलियों, गड़ीसर सरोवर, कुलधरा आदि जगहों को दर्शक पर्दे पर कई बार देख चुके हैं। ये बन सकते है शूटिंग के नए स्थल -काणोद एवं जोगा जैसे गांवों में विशाल रण है, जो कच्छ के रण को टक्कर दे सकते हैं।
-दव और फुलिया जैसे गांवों में दुबई से भी ज्यादा स्वच्छ व सुंदर ड्यून्स हैं।
-प्राकृतिक सुंदरता के लिहाज से रणाऊ, मंगलसिंहपुरा व गिरदूवाला शूटिंग स्थलों के रूप में खास पहचान बना सकते हैं।
-प्राकृतिक सुंदरता के लिहाज से रणाऊ, मंगलसिंहपुरा व गिरदूवाला शूटिंग स्थलों के रूप में खास पहचान बना सकते हैं।