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JAISALMER NEWS- बंदरबांट के बाद रातों रात बन गए करोड़पति, अब भ्रष्टाचार का पड़ा डंडा तो उड़ गई इनकी नींद

locationजैसलमेरPublished: Apr 16, 2018 12:31:26 pm

Submitted by:

jitendra changani

10 हजार बीघा से ज्यादा जमीन खुर्द-बुर्द हुई थी नाचना क्षेत्र में

Jaisalmer patrika

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एसीबी की कार्रवाई से लाभार्थियों में हडक़ंप, बड़े पैमाने पर हुई थी जमीनों की बंदरबांट
जैसलमेर . जिले के नाचना उपनिवेशन क्षेत्र में वर्ष 2014 से 2016 के दौरान 10 हजार बीघा से ज्यादा जमीन की बंदरबांट हो गई। इस संबंध में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो जयपुर स्तर पर कार्रवाई शुरू होने के बाद लाभार्थियों में सबसे ज्यादा हडक़ंप मचा हुआ है। उनके लाखों रुपए डूबने के साथ आवंटित जमीन के खारिज होने की भी पूर्ण संभावना बन गई है। ब्यूरो ने एक तरफ राज्य के विभिन्न जिलों के साथ जैसलमेर जिले में भी छापामारी शुरू कर दी है, दूसरी ओर नाचना में जमीन का यह खेल वर्षों पहले जैसलमेर तथा बाड़मेर जिलों के सीमा क्षेत्र में किए गए जमीन घोटालों की याद ताजा करवा रहा है।
बने भ्रष्टाचार के रिकॉर्ड
जानकारी के अनुसार नाचना उपायुक्त कार्यालय की तरफ से फरवरी 2014 से अक्टूबर 2016 यानी ढाई वर्ष के दौरान अंधाधुंध जमीनों का आवंटन किए जाने के कारण संबंधित अफसरों, कार्मिकों व दलालों को लाखों-करोड़ों की कमाई हुई थी। बताया जाता है कि एक-एक व्यक्ति को तब 100 से 400 बीघा तक सरकारी जमीन आवंटित कर दी गई। जिले में भ्रष्टाचार के नए रिकॉर्ड स्थापित हुए।
फर्जी दावों से हथियाई जमीन
नाचना उपनिवेशन क्षेत्र में जमीनों की बंदरबांट फर्जी दावों के जरिए की गई। इसके अंतर्गत राजस्थान काश्तकारी अधिनियम 1955 की धारा 88/188 तथा एएए के माध्यम से फर्जी दावे पेश किए गए। उन्होंने फर्जी दस्तावेजों के जरिये दावे को मूर्तता देकर डिग्रियां जारी करवाई। इसमें उपनिवेशन कार्यालय के कार्मिकों की मिलीभगत थी। आरोप है कि डिग्री जारी होने के बाद नाचना तहसीलदार को सरकारी पक्षकार होने के नाते डिग्री के विरुद्ध अपील करनी थी, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। इससे जमीन का म्युटेशन दर्ज हो गया। अनियमितताओं के इस खेल में कई पत्रावलियां गायब की जा चुकी है। यहां तक कि आरक्षित वर्गों की जमीन भी भूमाफियाओं ने हथिया ली।
किसने दी शह
नाचना उपनिवेशन क्षेत्र में ढाई वर्ष से ज्यादा समय तक जमीन घोटाला अनवरत चलता रहा तो इसके लिए मुख्य तौर पर कौन जिम्मेदार है, यह सवाल अब नए सिरे से उठने लगा है। तत्कालीन उपायुक्त, तीन तहसीलदारों व अन्य कार्मिकों के खिलाफ तो भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने मामला दर्ज कर जांच तथा छापामारी की कार्रवाई शुरू कर दी है, लेकिन यह सब इतने समय तक किसकी शह पर संभव हो सका, इसकी जांच-पड़ताल अब तक की जानी शेष है। इस मामले की शिकायत जिले के कई जनप्रतिनिधियों व पूर्व जनप्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री तक पहुंचाई थी। सरकार हरकत में आई तथा अधिकारियों का स्थानांतरण किया गया।
उच्च स्तर से कार्रवाई
सीमावर्ती नाचनाक्षेत्र में हजारों बीघा जमीन की बंदरबांट के खेल की जांच भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के उच्चस्तरीय अधिकारियों की देखरेख में चल रही है। जैसलमेर में इसकी कमान स्थानीय इकाई को सौंपी गई है। एजेंसी ने नाचना में तत्कालीन समय में हुए आवंटन की फाइलों व पत्रावलियों आदि को अपने कब्जे में ले लिया है।जैसलमेर स्थित ब्यूरो के उपअधीक्षक अनिल पुरोहित के अनुसार यह कार्रवाई अभी सतत रूप से चलेगी।
फैक्ट फाइल –
-2014 से ’16 के दौरान हुई अनियमितताएं
-100 से 400 बीघा जमीन का एक लाभार्थी को आवंटन
-10 हजार बीघा से ज्यादा जमीन के आवंटन की संभावना

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