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जैसलमेर

JAISALMER NEWS- जनता का विभागों पर से उठा विश्वास, तभी तो जिले के बडे साब तक पहुंचाते है हर फरियाद

-विभागीय स्तर पर त्वरित निस्तारण नहीं होने से हर माह पहुंच रहे 3000 परिवादी -छोटे से बड़े काम के लिए कलक्ट्रेट की सीढिय़ां चढऩे को विवश

जैसलमेरFeb 11, 2018 / 10:03 am

jitendra changani

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कलक्टर सा’ब, गली का खंभा तो ठीक करा दो…
दीपक व्यास
जैसलमेर. कलक्टर सा’ब, मेरी गली में खंभा टूटा हुआ है, जल्दी ठीक करवा दीजिए, बड़ी मेहरबानी होगी…, सा’ब घर के आगे कचरा जमा रहता है, हटाने की व्यवस्था कराएं, सा’ब गरीब हूं … सरपंच को फोन कर शौचालय बनवा दो…, अस्पताल में समय पर सिटी स्केन नहीं हो रहा, आप उन्हें कृपया निर्देशित करें…ये तो चंद उदाहरण है। इसे विभागीय अधिकारियों का उदासीन रवैया कहें या फिर विभागों में पद खाली होने का असर। कारण चाहे जो भी हो हकीकत यह है कि इन दिनों छोटे से छोटा काम हो या बड़ी से बड़ी समस्या, परिवादी कलक्टर कार्यालय की चौखट पर नजर आते हैं। वार्ड स्तर का काम हो या तहसील या उपखंड स्तर का, सुबह से लेकर शाम तक हाथों में प्रार्थना पत्र लिए अपनी बारी का इंतजार करते ग्रामीणों या शहरी बाशिंदों को देखा जा सकता है। प्रतिदिन 100 परिवादी कलक्ट्रेट की चौखट पर पहुंच रहे हैं। हर महीने 3000 परिवादी अलग-अलग समस्याएं लेकर कलक्टर कार्यालय पहुंच रहे हैं। इनमें से कोई बिजली तो कोई जलदाय, कोई पंचायत समिति तो कोई ग्राम पंचायत स्तर या फिर कोई चिकित्सा, तहसील या किसी अन्य समस्या को लेकर यहां आ रहे हैं। यही नहीं गली-मोहल्ले की समस्याओं को लेकर भी प्रार्थना पत्र लेकर यहां पहुंच रहे हैं।
राजनीतिक चेतना की कमी भी कारण
अन्य शहरों अथवा जिलों में सारे काम कलक्टर को ही नहीं करवाने पड़ते बल्कि राजनीतिक रूप से ज्यादा जागरुक होने की वजह से लोग जनप्रतिनिधियों से सम्पर्क करने को तरजीह देते हैं। वहां सांसद, विधायक से लेकर प्रमुख, प्रधान, स्थानीय निकाय प्रमुख ही नहीं बल्कि सरपंच व पार्षद तक को लोग अपनी समस्याओं के निस्तारण के लिए घेरे रहते हैं। जैसलमेर में कमोबेश तस्वीर उलट है। यहां आज भी जनप्रतिनिधियों की बजाय लोग प्रशासनिक मुखिया कलक्टर से गुहार लगाने को प्रभावी मानते हैं।
आखिर क्यों पड़ रही जरूरत
-हर विभाग में एक विभागीय अधिकारी नियुक्त है, जो समस्या के समाधान के लिए जवाबदेह भी है।
-जानवरों में फैली बीमारियों का समयबद्ध उपचार करवाना हो अथवा कचरा हटाने से लेकर खंभा दुरुस्त करने जैसी छोटी समस्याओं का निस्तारण, संबंधित विभाग स्वयं के स्तर पर नहीं कर पा रहे।
– जनता से जुड़े महकमों के विभागीय अधिकारी सुनवाई नहीं करते तो यह समस्या आ रही है।
सरहदी जिले का भूगोल
-सरहदी जिले में पश्चिम से उत्तर तक पाकिस्तान से लगती 471 किमी लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा है।
-जिले की करीब 60 किमी परीधि का क्षेत्र पथरीला व चट्टानी है।
-बारहमासी बहने वाली कोई नदी जैसलमेर जिले में नहीं है।
-क्षेत्रफल की दृष्टि से केरल राज्य के बराबर है जैसलमेर जिला
-गर्मी के दौरान यहां तापक्रम 45 से 50 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया जाता है।
फैक्ट फाइल-
-38,392 वर्ग किमी क्षेत्रफल है सरहदी जैसलमेर जिले का
-4 उपखंड कार्यालय व 4 तहसील कार्यालय स्थापित है जिले में
-3 पंचायत समितियां बनी हुई है जैसलमेर जिले के भीतर
-140 ग्राम पंचायतें मौजूद है न3व सृजित ग्राम पंचायतों सहित
-840 के करीब गांवों की संख्या है ग्राम पंचायतों में
प्रयास करते हैं
यह बात सही है कि सामान्य से लेकर बड़ी परेशानियों को लेकर कलक्टर कार्यालय में आते हैं। हमारा तो यही प्रयास रहता है कि परिवादी को राहत मिले, चाहे किसी भी स्तर से हो।
– कैलाशचंद मीना, जिला कलक्टर, जैसलमेर
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