scriptवॉट्सएप और फेसबुक की फर्जी आइडी से हो रही ठगी | people cheated by fake ID of WhatsApp and Facebook in jaisalmer | Patrika News

वॉट्सएप और फेसबुक की फर्जी आइडी से हो रही ठगी

locationजैसलमेरPublished: Jan 25, 2020 07:21:34 pm

Submitted by:

Deepak Vyas

सीमांत जैसलमेर जिले में इन दिनों साइबर अपराधियों ने ठगी का नया पैंतरा अपनाते हुए लोगों को शिकार बनाने की कोशिशें तेज कर दी हैं। इसके तहत अपराधी किसी भी व्यक्ति का फोटो लगा कर फेक फेसबुक आइडी व वॉट्सएप आइडी बनाकर उसके सम्पर्क नंबरों पर एक खाता संख्या देकर उसमें पैसा जमा करवाने की गुजारिश करते हुए संदेश भेजता है। संबंधित व्यक्ति के रिश्तेदार, मित्र अथवा परिचित कई बार साइबर ठगों के झांसे में आकर दर्शाए गए बैंक खाता में 5 से 15 हजार रुपए की राशि जमा करवा देते हैं।

people cheated by fake ID of WhatsApp and Facebook in jaisalmer

वॉट्सएप और फेसबुक की फर्जी आइडी से हो रही ठगी

जैसलमेर. सीमांत जैसलमेर जिले में इन दिनों साइबर अपराधियों ने ठगी का नया पैंतरा अपनाते हुए लोगों को शिकार बनाने की कोशिशें तेज कर दी हैं। इसके तहत अपराधी किसी भी व्यक्ति का फोटो लगा कर फेक फेसबुक आइडी व वॉट्सएप आइडी बनाकर उसके सम्पर्क नंबरों पर एक खाता संख्या देकर उसमें पैसा जमा करवाने की गुजारिश करते हुए संदेश भेजता है। संबंधित व्यक्ति के रिश्तेदार, मित्र अथवा परिचित कई बार साइबर ठगों के झांसे में आकर दर्शाए गए बैंक खाता में 5 से 15 हजार रुपए की राशि जमा करवा देते हैं। ठगों के निशाने पर आप और हम में से कोई भी हो सकता है। पिछले दिनों जैसलमेर बाल विकास समिति के अध्यक्ष अमीन खां की फेक आइडी बनाकर उनके सम्पर्क वाले लोगों से इस तरह की ठगी किए जाने से यह तरीका सामने आया। इसके बाद से जैसलमेर शहर के साथ पोकरण, लाठी और जिले के अन्य ग्रामीण क्षेत्रों में भी इस तरह की कोशिशें किए जाने की खबरें सामने आ चुकी हैं। हाल म राजेंद्र व्यास भोपत की फेक आइडी बनाकर इसी तरह के संदेश उनके परिचितों को भिजवाए गए। व्यास को इसकी जानकारी मिलने पर उन्होंने तुरंत अपनी सम्पर्क सूची में शामिल लोगों को सावधान किया। साइबर अपराधियों के इस नए तरीके के कारण अनेक जने हजारों रुपए गंवा चुके हैं। पुलिस के पास भी ऐसे मामले पहुंचे हैं, लेकिन उसके पास इसका कोई समाधान नहीं है।
नई सिम, नया मोबाइल, नई लोकेशन
जानकारी के अनुसार फेक आइडी बनाकर ठगी करने वालों तक पहुंचना बहुत मुश्किल है क्योंकि वे इस तरह की हरकत के लिए हर बार नई सिम और नया मोबाइल ही इस्तेमाल नहीं करते बल्कि लोकेशन भी बदलते रहते हैं। कई बार वे राजस्थान से बाहर की सिम से राजस्थान में बैठ कर या किसी अन्य प्रदेश में बैठ कर ठगी की साजिश रचते हैं। जानकारों के अनुसार साइबर अपराधी ट्रू कॉलर या किसी ऐसे एप्लीकेशन को हैक कर संबंधित व्यक्ति के फोन के सारे कॉन्टेक्ट नम्बर प्राप्त कर लेते हैं। फिर वे कहीं से उसका फोटो निकालकर उसके नाम की फेक वॉट्सएप आइडी बनाकर उसके सम्पर्क वाले नम्बरों पर संदेश भेजते हैं। इन संदेशों में यही बताया जाता है कि, अमुक व्यक्ति को पैसों की अचानक सख्त जरूरत हो गई है। ऐसा कहते हुए वह एक खाता संख्या बता कर उसमें ५ से १५ हजार रुपए की राशि जमा करवाने की गुहार लगाता है। अमीन खां के मामले में कई जनों ने हजारों रुपए फर्जी संदेश में बताए गए खाते में जमा करवाए और ठगी का शिकार बन गए।
नए-नए तरीके इजाद
दरअसल, विगत वर्षों के दौरान मोबाइल पर कॉल कर ठगों ने लोगों के बैंक खातों से लाखों रुपए पार कर लिए। अब जबकि लोग उनके तरीकों से वाकिफ हो गए और अपनी खाता संख्या आदि फोन पर बताना बंद दिया तो उन्होंने अपराध के नए-नए तरीके अपनाने शुरू कर दिए हैं। पुलिस थानों में मामले दर्ज होने के बावजूद पुलिस कोई विशेष कार्रवाई नहीं कर पा रही है क्योंकि फेसबुक और वॉट्सएप का संचालन भारत से बाहर होता है और इन कंपनियों से पुलिस को जानकारी भी नहीं मिलती। अधिक से अधिक पुलिस सीडीआर मंगवाकर उसे खंगालती है, लेकिन उससे अपराधियों तक नहीं पहुंचा जा सकता। इन दिनों बड़ी संख्या में लोगों के पास एक लिंक टैक्स्ट मैसेज में अलग-अलग हवाले से भेजा जा रहा है। जिसे टच करते ही संबंधित व्यक्ति के फोन का पूरा डाटा साइबर ठग के पास चला जाता है। जैसलमेर वृत्त सीओ श्यामसुंदर सिंह राठौड़ ने बताया कि इस तरह के मामले दर्ज होने पर पुलिस अपनी ओर से अपराधियों तक पहुंचने का हरसंभव प्रयास करती है। राठौड़ ने कहा कि लोगों को पैसा जमा करवाने जैसे किसी संदेश पर विश्वास नहीं करना चाहिए और संबंधित व्यक्ति से तुरंत फोन कर हकीकत का पता लगाना चाहिए।
फैक्ट फाइल –
– 7.50 लाख से ज्यादा जिले की आबादी
– 38 हजार वर्ग किमी से बड़ा क्षेत्रफल
– 18 पुलिस थाने जैसलमेर जिले में स्थापित

सजग रहें, ठगी से बचें
साइबर ठगी से बचने का सबसे कारगर तरीका जन-जागरुकता ही है। इस तरह के खतरे से निपटने के लिए हर समय सतर्क और सावचेत रहना होगा। पुलिस भी आने वाले समय में कार्यशालाओं आदि का आयोजन कर जन जागरण का प्रयास करेगी। हमने बैंकर्स से भी कहा कि वे अपने ग्राहकों को किसी तरह के फ्रॉड के चक्कर में नहीं आने के लिए सचेत करें।
– राकेश बैरवा, अतिरिक्त जिला पुलिस अधीक्षक, जैसलमेर
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