जैसलमेर/बाड़मेर. निर्जला एकादशी पर बाड़मेर-जैसलमेर दोनों जिलों में एक दिन में 11 हजार परिंडे लगाए गए। पक्षियों के लिए पानी का प्रबंध कर पुण्य कमाने का यह आंकड़ा पत्रिका को उपलब्ध हुआ है, शेष स्वेच्छा से घर-घर परिंडे लगाने वालों भी बहुत लोग है। निर्जला एकादशी का पावन दिन, मरुप्रदेश में चहुंओर धार्मिक माहौल और उस पर सामाजिक उत्तरदायित्व के बोध के साथ मानवीयता का भाव...। पत्रिका की पहल पर जिले भर में परिंडे लगाने की होड़ सी लग गई। कई सामाजिक संगठन, स्वयंसेवी संस्थाएं और समाजसेवा से जुड़ी समितियों ने एकादशी के दिन न केवल सार्वजनिक स्थानों पर परिंडे लगाएए बल्कि लोगों को भी परिंडे लगाने को प्रेरित किया। इस दौरान यह भी व्यवस्था की गई कि जहां-जहां परिंडे लगाए गए हैं, वहां नियमित पानी व दाने की व्यवस्था हो। सोशल मीडिया में भी पत्रिका की पहल चर्चा में रही। कई परिवारों ने अपने घर, बगीचे या आसपास के उद्यानों में परिंडे लगाए।
जैसलमेर/बाड़मेर. निर्जला एकादशी पर बाड़मेर-जैसलमेर दोनों जिलों में एक दिन में 11 हजार परिंडे लगाए गए। पक्षियों के लिए पानी का प्रबंध कर पुण्य कमाने का यह आंकड़ा पत्रिका को उपलब्ध हुआ है, शेष स्वेच्छा से घर-घर परिंडे लगाने वालों भी बहुत लोग है। निर्जला एकादशी का पावन दिन, मरुप्रदेश में चहुंओर धार्मिक माहौल और उस पर सामाजिक उत्तरदायित्व के बोध के साथ मानवीयता का भाव...। पत्रिका की पहल पर जिले भर में परिंडे लगाने की होड़ सी लग गई। कई सामाजिक संगठन, स्वयंसेवी संस्थाएं और समाजसेवा से जुड़ी समितियों ने एकादशी के दिन न केवल सार्वजनिक स्थानों पर परिंडे लगाएए बल्कि लोगों को भी परिंडे लगाने को प्रेरित किया। इस दौरान यह भी व्यवस्था की गई कि जहां-जहां परिंडे लगाए गए हैं, वहां नियमित पानी व दाने की व्यवस्था हो। सोशल मीडिया में भी पत्रिका की पहल चर्चा में रही। कई परिवारों ने अपने घर, बगीचे या आसपास के उद्यानों में परिंडे लगाए।