scriptJAISALMER NEWS- पत्रिका एक्सपोज- निराशाजनक- सिमटते धोरों पर आयुर्वेद उद्यान विकसित करने का प्रस्ताव अटका | Proposal to develop Ayurvedic gardens on disappointing-collapsing poli | Patrika News
जैसलमेर

JAISALMER NEWS- पत्रिका एक्सपोज- निराशाजनक- सिमटते धोरों पर आयुर्वेद उद्यान विकसित करने का प्रस्ताव अटका

-अवैध खनन के लिए छूट तो उद्यान विकसित करने पर मनाही

जैसलमेरFeb 05, 2018 / 11:38 am

jitendra changani

Jaisalmer patrika

Patrika news

तो क्या कलक्टर और पीएमओ से भी बड़ी है नगरपरिषद!
जैसलमेर . जिले भर में अवैध खनन से तो जिम्मेदारों को सरोकार नहीं, लेकिन अवैध खनन को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय से मिले निर्देश पर भी जिम्मेदारों का हठ भारी है। दीनदयाल उपाध्याय कॉलोनी तथा रामनगर कॉलोनी के बीच स्थित धोरे की कई वर्षों से लगातार खुदाई हो रही है। इस धोरे पर अवैध खनन रोक आयुर्वेद उद्यान विकसित करवाने को लेकर एक पर्यावरणमित्र ने जिला कलक्टर व प्रधानमंत्री तक को पत्र लिखे। जवाब में 23 जनवरी 2017 को तत्कालीन जिला कलक्टर ने नगर परिषद को पत्र लिख 15 दिन में जवाब देने को कहा। वहीं प्रधानमंत्री कार्यालय से पत्र मिलने पर प्रमुख शासन सचिव ने 9 अगस्त 2017 को नगरपरिषद से 7 दिन में जवाब देने को कहा। इसके बावजूद नगरपरिषद के जिम्मेदारों ने किसी की बात को वजन नहीं दिया। उनका कहना है कि किसी व्यक्ति को खेती के लिए जमीन देने के नियम नहीं है, वहीं पर्यावरण मित्र का कहना है कि वे धोरे का खनन रोकने तथा सरकार की ओर से आयुर्वेद उद्यान लगाने की बात कर रहे हैं।
अवैध खनन से सिमटते धोरे
शनिवार को जब पत्रिका टीम मौके पर पहुंची तो जानकारी सामने आई कि धोरे पर लम्बे समय से खनन चल रहा है। यहां कई ट्रैक्टर ट्रोलियों से रेत परिवहन का कारोबार चल रहा है, लेकिन रोकने वाला कोई नहीं है। धोरे से रेत निकाल लिए जाने से इसका आकार सिमटता जा रहा है। पत्रिका पड़ताल में यह बात सामने आई है कि धोरे पर कई जगह रेत खत्म होने के बाद अब मुरड़ की भी खुदाई होने लगी है। ग्रामीण क्षेत्रों में कच्ची सडक़ें बनाने में इसका उपयोग होने से गहरे गड्ढे बन गए हैं।
युद्ध के दौरान सेना का रहा पड़ाव
क्षेत्रवासियों की मानें तो रामनगर कॉलोनी के पास स्थित यह धोरा कारगिल युद्ध तथा उससे पहले भारत-पाक युद्ध के दौरान सेना के पड़ाव में काम आया था। यहां दो टुकडिय़ां रुकती, पीछे की टुकडिय़ां पहुंचने पर उन्हें आगे के लिए रवाना किया जाता था। पर्यावरणमित्र शर्मा के अनुसार यहां धोरे पर चारों ओर आयुर्वेद में काम आने वाली औषधियों के पौधे लगाए जाने चाहिए। इसे हरियाली व घास लगाकर पार्क के रूप में विकसित किया जाए। इससे आस-पास के लोगों को सुकून के पल गुजारने को मिले। वहीं जरूरत के दौरान यह जगह सेना के वाहन खड़े करने तथा अन्य गतिविधियों के लिए भी काम आ सकता है।
कई वर्षों से कर रहा संघर्ष
यहां अवैध खनन रोकने के लिए कई वर्षों से संघर्ष कर रहा हूं। सरकार की ओर से आयुर्वेद उद्यान विकसित करने से कई लोगों को लाभ होगा। हरी घास से पार्क का भी उपयोग हो सकेगा। अवैध खनन से इस धोरे का अस्तित्व खत्म हो जाएगा।
– कृष्णमोहन शर्मा, पर्यावरणमित्र

प्रकरण ध्यान में है, प्रावधान नहीं है
प्रकरण तो ध्यान में है, लेकिन नगरपरिषद के पास किसी व्यक्ति को खेती या बागवानी के लिए जमीन देने का कोई प्रावधान नहीं है। राज्य सरकार स्तर से मार्गदर्शन लेकर इस संबंध में विचार किया जाएगा।
– झब्बरसिंह, आयुक्त, नगरपरिषद, जैसलमेर
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो