जीएनएम सेंटर की स्थापना जिला अस्पताल परिसर अथवा उससे लगते क्षेत्र में होती है। इसका संचालन भी अस्पताल प्रशासन के निर्देशन में होता है। जीएनएम सेंटर के प्रारंभ होने से अस्पताल में नर्सिंग के प्रशिक्षु विद्यार्थियों की कमी नहीं रहेगी और जैसलमेर के नर्सिंग क्षेत्र में जाने के इच्छुक युवाओं के लिए अवसरों की राह प्रशस्त होगी। जोधपुर संभाग के चार जिलों जोधपुर, बाड़मेर, पाली और जालोर में जीएनएम सेंटर स्थापित है जबकि जैसलमेर व सिरोही अब तक इससे वंचित हैं। वर्तमान में जैसलमेर मुख्यालय पर सीएमएचओ कार्यालय के पास एएनएम ट्रेनिंग सेंटर का संचालन किया जा रहा है। सेंटर के प्रभारी राधाकृष्ण पुरोहित ने बताया कि जिला मुख्यालय पर यह सेंटर वर्ष 1986 में शुरू किया गया था। जिसमें प्रथम व द्वितीय वर्ष में 45-45 स्थानों की उपलब्धता है।
जवाहर चिकित्सालय प्रशासन जैसलमेर में जीएनएम सेंटर के लिए प्रस्ताव भिजवाएगा और उस पर त्वरित कार्रवाई के संबंध में सांसद-विधायक से लेकर अन्य जनप्रतिनिधियों तथा सत्ताधारी भाजपा संगठन को सरकार के सामने जैसलमेर का पक्ष मजबूती से रखना होगा। ऐसा करने के साथ जिला प्रशासन का भी सक्रिय सहयोग रहे तो कार्रवाई शीघ्रता से होगी। अब सरकार से जुड़े जनप्रतिनिधियों व प्रशासन समेत विभागीय अधिकारियों पर यह दारोमदार आ गया है कि वे जिले की प्रभावी ढंग से पैरवी कर जैसलमेर जिला अस्पताल के अंतर्गत जल्द से जल्द जीएनएम ट्रेनिंग सेंटर की स्थापना करवाए।
जीएनएम सेंटर की स्थापना के लिए सरकारी गाइड लाइंस का अध्ययन कर रहे हैं। इसकी स्थापना जल्द से जल्द हो, इसके लिए जिला प्रशासन, नगरपरिषद और यूआईटी आदि सभी का सहयोग अपेक्षित रहेगा।
-डॉ. उषा दुग्गड़, पीएमओ, जवाहर चिकित्सालय, जैसलमेर
-23720 वर्गफीट जमीन की रहेगी दरकार
-150 शैय्याओं की क्षमता है जवाहर चिकित्सालय में
-1986 में हुई थी एएनएम सेंटर की स्थापना जैसलमेर को मिलेगा लाभ
सीमावर्ती जैसलमेर में जीएनएम सेंटर की शुरूआत होने से अस्पताल में उपचार की सुविधा और बढ़ेगी तथा यहां के बाशिंदों के लिए रोजगार के अवसर भी बढेंग़े।
-डॉ. बीएल बुनकर, सीएमएचओ, जैसलमेर