गहलोत ने कहा कि भाजपा के कैलाश मेघवाल पहले ही कह चुके है कि चुनी हुई सरकार को गिराने का षडयंत्र गलत परंपरा है। भाजपा के कई विधायक भी ऐसा मानते हैं। उन्होंने कहा कि अब भाजपा अपने विधायकों की तीन-चार अलग स्थान पर समूहों में बाड़ेबंदी कर रही है। गहलोत ने सवाल किया कि जब राज्य में कांग्रेस की सरकार है तो फिर भाजपा को अपने विधायकों की बाड़ेबंदी करने की नौबत क्यो आई? इससे जाहिर है कि भाजपा में गुटबाजी चरम पर पहुंच गई है और आपसी फूट के कारण विधायकों को टूटने से बचाने के लिए बाड़ेबंदी की जा रही है।
गहलोत ने कहा कि हम लोकतंत्र की रक्षा के लिए विधायकों को एकजुट कर रखे है। यह देश का दुर्भाग्य है कि केंद्र में सत्ता में ऐसे लोग बैठे हैं जो संकट के समय में सरकार गिराने लगे हैं, जबकि इस समय लोगों का जीवन और रोजगार बचाने की जरूरत है। ऐसे लोग किस प्रकार शासन चला रहे हैं इसे समझा जा सकता है। उन्होंने कहा कि मैंने खुद प्रधानमंत्री से बात की। गृह मंत्री अमित शाह से क्या बात करें? उनका रवैया किसी से छुपा नहीं है। केंद्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान एवं पीयूष गोयल जिनका नाम वे पहले भी ले चुके हैं और ये सब मिलकर षडयंत्र रच रहे हैं। ये लोग लोकतंत्र को कमजोर कर रहे है। जिसे जनता ने 70 साल से सहेज कर रखा।
गहलोत ने कहा कि यह लड़ाई लोकतंत्र को बचाने के लिए है और यह 14 अगस्त के बाद भी जारी रहेगी। विजय हमारी होगी, विजय सत्य की होगी, विजय प्रदेशवासियों की होगी और विजय उन सभी विधायकों की होगी, चाहे वह पक्ष में हो या विपक्ष में। सभी विधायकों को पत्र लिखे जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि मैंने सभी विधायकों को पत्र लिखा है और उनसे कहा है कि वे अपनी अंतरात्मा की बात सुने। साथ ही अपने क्षेत्र की जनता की आवाज सुनकर फैसला लें।
वसुंधरा राजे की दिल्ली में भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात के बारे में जब सीएम से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि भाजपा क्या करती है, इसके बारे में मुझे कुछ मतलब नहीं है, लेकिन देश में लोकतंत्र को कमजोर कर रही है। जिसको देश और प्रदेश की जनता कभी बर्दाश्त नहीं करेगी।
गहलोत ने बागी विधायकों के बारे में कहा कि अधिकांश बागी वापस हमारे साथ आयेंगे, लेकिन यह चिंताजनक है कि उनकी सुरक्षा के लिए 200-200 पुलिसकर्मी तैनात किए जा रहे हैं। उनके परिवार वालों को उनसे मिलने नहीं दिया जा रहा है और सुरक्षा का कड़ा पहरा है। एसओजी और एसीबी भी गई थी कानूनी रूप से बातचीत करने, लेकिन उन्हें भी नहीं मिलने दिया गया।