‘ए ग्रेड’ या 10 सीजीपीए के चक्कर में अभिभावकों से लेकर शिक्षक तक बच्चों को रट्टू तोता बनाने पर तुले हैं। जिसके चलते विद्यार्थियों में विषय की अवधारणा, ज्ञान एवं भाषा दक्षता के कौशल में कमी आ रही है। इस कमी को दूर करने के लिए केंद्रीय विद्यालय संगठन अब छात्र-छात्राओं के विषयगत कौशल के विकास पर जोर देगा।
यह है योजना केन्द्रीय विद्यालयों में कक्षा 1 से 8वीं तक के छात्रों के लिए तैयार की गई ‘बेक टू बेसिक’ योजना के तहत विद्यार्थियों को वह सब कुछ फिर से सिखाया जाएगा, जो पिछली क्लास में वह नहीं सीख पाए हैं। दूसरी कक्षा में पढ़ने वाले विद्यार्थी यदि पहली क्लास का बेसिक नहीं सीख पाया तो उसे दूसरी क्लास में वह सब सिखाया जाएगा।
इस लिए हो रही कोशिश केन्द्रीय विद्यालय संगठन चाहता है कि केन्द्रीय विद्यालय का हर छात्र अपनी क्लास के हर विषय में संपूर्ण ज्ञान हासिल करें। यह योजना एनसीआरटीई के लर्निंग निर्देश को ध्यान में रखकर बनाई गई है। इसमें हर क्लास के बारे में बताया गया है कि किस क्लास में विद्यार्थी के क्या समझ में आ जाना चाहिए। इसका स्तर भी तय किया जाएगा। संगठन चाहता है कि हर क्लास में विद्यार्थी पूरी तरह से सब कुछ सिखाया जाए जिससे अगली क्लास में जाकर छात्र को दिक्कत न हो।
दस मैनुअल तैयार योजना के तहत विद्यार्थियों को सिखाने के लिए दस मैनुअल तैयार किए है। इनके जरिये विद्यार्थियों को उन विषयों में मजबूत किया जाएगा, जिसमें कमजोर है। शिक्षक छात्रों की कमजोरी भी जानेंगे। छात्र पिछली कक्षा में कैसा था, क्या कमजोरी रही यह जानकर उसको भी दूर करेंगे। इसके लिए शिक्षकों को विषय की प्लानिंग कर अधीगम के स्तर के अनुसार सिखाना अनिवार्य होगा।
इनको दिया प्रशिक्षण योजना के तहत केन्द्रीय विद्यालय के प्राचार्य व तीन शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। यह अपने स्कूलों में अन्य शिक्षकों को योजना के बारे में प्रशिक्षण देकर संपूर्ण जानकारी दी जाएगी। शिक्षकों को मैनुअल के आधार पर ही विद्यार्थियों को बेक टू बेसिक के तहत पढऩा होगा। इससे विद्यार्थियों का परिणाम बेहतर होगा,साथ ही अधूरे ज्ञान के साथ अगली क्लास में विद्यार्थी नहीं जा सकेंगे। केन्द्रीय विद्यालय झालावाड़ के प्राचार्य जीआर मीणा ने बताया कि ‘बेक टू बेसिक’ कोर्स एक अप्रेल से शुरू हो जाएगा। यह प्राथमिक कक्षाओं के लिए लागू होगा।