महामारी को लेकर ग्रामीणों में एकजुटता, दे रहे जागरुकता का संदेश
-सीमा से सटे व नहर के मुहाने बसे गांवों में जज्बा
महामारी को लेकर ग्रामीणों में एकजुटता, दे रहे जागरुकता का संदेश
जैसलमेर. देश-दुनिया के बाशिंदे महामारी कोरोना से भयभीत हैं, वहीं पाक सीमा से सटे सरहदी जैसलमेर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के निवासियों में एकता, दृढ़ता व सहयोग का अनूठा माहौल देखने को मिल रहा है।सरहदी गांव हो या फिर नहरी क्षेत्र की सघन आबादी को समेटे हुए कस्बा या फिर देश-दुनिया में धर्म का संदेश पहुुंचाने वाली धार्मिक भूमि। राजस्थान पत्रिका की ग्राउंड रिपोर्ट में रामदेवरा, नोख, लाठी व रामगढ़ क्षेत्रों की यही कहानी सामने आई।
नोख. चाहे युद्ध काल हो या आपातकाल। सीमावर्ती क्षेत्र के वाशिंदे कष्ट सहकर भी देशहित में सहयोग के लिए हमेशा तैयार रहते हैं । यहा जिले के कई गांव व ढाणियां तो बीकानेर व जोधपुर जिले के भी अनगिनत गांव व ढाणियों के लोग अपने दैनिक जीवन की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए निर्भर रहते हैं । ऐसे में किसी भी स्थिति में नोख के वाशिंदे हमेशा मदद व सहयोग का रवैया अपनाते आ रहे हैं। हाल ही में वैश्विक महामारी के रूप में फैल रहे कोरोना वायरस को लेकर सरकार के दिशानिर्देशों के पालना में लॉक डाउन की अवस्था नोख में आदर्श रूप में देखी जा सकती है । यहां पर अधिकतर बाजार पूरी तरह से लगातार बंद है तो इस विपदा की घड़ी में लोग एक दूसरे की मदद के लिए भी तैयार दिखाई पड़ रहे है। गांव में स्थित बाजार पूरी तरह से बंद ही नजर आ रहे हैं । आवश्यक सेवाओं की दुकानें जैसे मेडिकल, सब्जी, राशन व किराना की दुकानें खुल रही है, लेकिन अधिकतर दुकानें किराना की होने के बावजूद किराना के दुकानदार देश हित में अपनी दुकानों को बहुत कम समय के लिए खोलकर सहयोग कर रहे हैं । ग्रामीण भी इस विपदा में एक दूसरे को नियम कानून नहीं तोडऩे के लिए समझाइश कर रहे हैं तो बेवजह बहुत ही कम लोग घरों से बाहर निकल रहे हैं। गत एक सप्ताह से मुख्य सड़क मार्ग व बाजार सूने है।
लाठी. लॉक डॉउन के दौरान लाठी गांव के बाशिंदे भी जागरुकता का संदेश दे रहे हैं। जिला मुख्यालय से 60 किलोमीटर दूर स्थित इस गांव में विभिन्न समुदाय व जाति धर्म के लोग रहते हैं। लाठी कस्बे की लगभग 5000 की आबादी यहां निवास करती है। यहां ग्रामीण कोरोना वायरस की रोकथाम को लेकर विभिन्न प्रकार की सावधानियां बरत रहे हैं। चाहे महिला हो या बच्चे बड़े बुजुर्ग हो कोरोना वायरस को लेकर विभिन्न प्रकार की सावधानियां बरत रहे हैं। कस्बे में लोक डाउन से गरीबों में भूखमरी हालातों को देखते हुए कई भामाशाह गरीबों की भोजन व्यवस्था को लेकर आगे आ रहे हैं तथा एक दूसरे की मदद कर रहे हैं।
रामदेवरा. सामाजिक सद्भाव व हिंदुओं मुसलमानों के कौमी एकता के प्रतीक बाबा रामदेव की पावन नगरी रामदेवरा में लाक डाउन के दौरान स्थानीय लोग प्रशासन का पुरजोर मदद कर रहे हैं। गत 10 दिनों से संपूर्ण कस्बा बंद है सभी 500से अधिक व्यापारिक प्रतिष्ठान भी पूर्णतया बंद है और 10 हजार की आबादी वाला गांव इन दिनों अपने अपने घरों में ही बंद होकर रह गया है।