जैसलमेर

लंबी दूरियों की रेल गाडिय़ों में भी बड़ी संख्या में आ रहे संदिग्ध लोग

लंबी दूरियों की रेल गाड़ियों के विकास से भी बड़ी संख्या में बाहरी लोगों की तादात बढ़ रही है। इनमें से कई अनजान चेहरे हैं, जिनका सत्यापन नहीं हो रखा है। जैसलमेर जिले के नहरी क्षेत्रों मे फसलों की कटाई का कार्य शुरू होते ही बाहरी क्षेत्रों से आने वाले श्रमिकों की बहार आनी शुरू हो जाती है। जिले में फसलों की कटाई के लिए मजदूर आसानी से नहीं मिलने के कारण अमूमन हर बार फसलों की कटाई के लिए बाहरी जिलों से सैकड़ों की संख्या में मजदूर यहां पहुंचते हैं।

जैसलमेरDec 05, 2019 / 05:17 pm

Deepak Vyas

लंबी दूरियों की रेल गाडिय़ों में भी बड़ी संख्या में आ रहे संदिग्ध लोग

जैसलमेर. लंबी दूरियों की रेल गाड़ियों के विकास से भी बड़ी संख्या में बाहरी लोगों की तादात बढ़ रही है। इनमें से कई अनजान चेहरे हैं, जिनका सत्यापन नहीं हो रखा है। जैसलमेर जिले के नहरी क्षेत्रों मे फसलों की कटाई का कार्य शुरू होते ही बाहरी क्षेत्रों से आने वाले श्रमिकों की बहार आनी शुरू हो जाती है। जिले में फसलों की कटाई के लिए मजदूर आसानी से नहीं मिलने के कारण अमूमन हर बार फसलों की कटाई के लिए बाहरी जिलों से सैकड़ों की संख्या में मजदूर यहां पहुंचते हैं। फसल कटाई के दिनों में नहरी क्षेत्र में संचालित होने वाली बसों की भीड़ को देखकर यह आसानी से अनुमान लगाया जा सकता है कि बाहरी लोगों की आवक कितनी अधिक है। अमूमन फसलों की कटाई करने वाले अधिकांश मजदूर अपना गृह जिला सही नहीं बताते। बाहरी जिलों के मजदूर अपने परिवार के साथ आते हैं और फसलों की कटाई करने के बाद ये परिवार वापिस अपने घरों को चले जाते है।
इन पर ध्यान देना जरुरी
-मकान, मोहल्ले या गलियों में बार-बार घूमने आने वाले व घरों के पिछवाड़े आवाजाही करने वाले लोगों पर नजर रखें।
-यदि संदिग्ध गतिविधियों के बारे में कोई जानकारी मिले तो तुरंत संबंधित थाने या एसपी ऑफिस को इत्तला करें।
-अनजान व्यक्ति की दी गई खाद्य वस्तु नहीं खाएं।
-किसी के कहने मात्र से किसी अन्य को कमरा किराये पर न दें ।
-तय किराए से कहीं ज्यादा किराया देने पर लालच में न आएं और सतर्क हो जाएं।
-नहरी क्षेत्र में अनजान व्यक्ति को काश्त के लिए मुरब्बा कभी न दें।
-देर रात्रि में घरों के आसपास घूमने वाले लोगों पर नजर रखें और पुलिस को इत्तला दें।
-अजनबी व्यक्ति को कभी घर के भीतर न घुसने दें।
-बाहरी लोगों पर नजर रखने के लिए पुलिस से सख्त रवैये की दरकार
-होटल, दुकान या फैक्ट्री में किसी भी श्रमिक को बिना सत्यापन के नौकरी न दें।
-मोबाइल या नेट पर बैंक अकाउंट व अपनी व्यक्तिगत जानकारी कभी भी शेयर न करें।
खुफिया एजेंसियोंं की निगाह में कई संदिग्ध
भारत-पाकिस्तान के बीच थार एक्सप्रेस से दोनों देशों के नागरिकों को आने-जाने में काफी सुविधा हुई है, वहीं कुछ आशंकाएं भी गहराई हैं। थार एक्सप्रेस से भारत पहुंचने वाले कई लोग खुफिया तंत्र की निगाहों में हैं और उसका कारण है उनकी संदिग्धता। ऐसे लोगों की भी सुरक्षा एजेंसिया तलाश कर रही है, जिनकी वीजा अवधि समाप्त होने के बाद भी वे जैसलमेर व आसपास के सरदही क्षेत्रों में बैठे हैं। यह चिंता इसलिए भी लाजमी है, क्योंकि अब ऐसे लोगों की कोई खैर खबर भी नहीं है। यही नहीं ऐसे लोगों ने पाकिस्तान जाने के लिए किसी तरह का न तो आवेदन किया है और न ही उन्होंने पाकिस्तान वापिस नहीं जाने के लिए कोई पुख्ता कारण ही बताया है। उधर, पुलिस महकमे के सूत्र बताते हैं कि वीजा अवधि समाप्त होने के बाद भी कई ऐसे लोग संदिग्ध हंै, जो वापिस पाकिस्तान नहीं लौटे हैं।
यहां प्रतिबंध का बंधन
प्रतिबंधित क्षेत्रों में बिना रोक-टोक के रोज सैकड़ों लोग प्रतिबंधित इलाकों में आ-जा रहे हैं। गौरतलब है कि प्रतिबंधित क्षेत्र में जैसलमेर जिले के आठ थाना क्षेत्रों के करीब साढ़े तीन सौ गांव आते हैं। जिसमें झिनझिनियाली के 40 गांव, खुहड़ी के 65 गांव, सम के 35 गांव, शाहगढ़ के 68 गांव, रामगढ़ 32 गांव, मोहनगढ़ 48 गांव, नाचना के 22 गांव व नोख के 29 गांव शामिल है। प्रतिबंधित थाना क्षेत्रों में प्रवेश के लिए वैधानिक अनुमति जरुरी है। एसडीएम, संबंधित थाना, पुलिस अधीक्षक व तहसीलदार से सत्यापन होने के बाद उस शख्स को प्रतिबंधित थाना क्षेत्र में जाने की अनुमति मिलती है, जो अधिकतम पन्द्रह दिन तक के लिए होती है। अवधि बढ़ाने पर फिर अनुमति लेनी पड़ती है।
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