जैसलमेर

तार से बंधे बैल को किया मुक्त

तार से बंधे बैल को किया मुक्त

जैसलमेरSep 19, 2021 / 07:39 am

Deepak Vyas

तार से बंधे बैल को किया मुक्त

नाचना. नहरी क्षेत्र में बैलों पर अत्याचार के मामले देखे जा सकते है। इन घटनाओं पर अंकुश नहीं लग रहा हैै। बेसहारा बैल भूख मिटाने के लिए जंगल में चारे की तलाश में विचरण करते है। इस दौरान कई बार ये बैल खेतों में घुस जाते है तथा फसलों को नुकसान पहुंचाते है। इसी से आहत किसान इन बैलों के पैर बांधकर दूर छोड़ देते है। समय पर जानकारी नहीं मिलने की स्थिति में बैल गंभीर रूप से घायल हो जाते है तथा इनके काल का ग्रास होने का भी खतरा बना रहता है। किसानों की ओर से इन बैलों को भगाने की बजाय रस्सी या तार से पैर बांधने की घटनाएं दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। खारिया गांव के पूनमसिंह ने बताया कि शुक्र्रवार शाम करीब छह बजे वे खारिया से नाचना आ रहे थे। इस दौरान सांकडिय़ा वितरिका के 35 आरडी पुल के पास सड़क से कुछ दूर बैल भूखा प्यासा बैठा था। उन्होंने बैल को संभाला, तो उसके आगे के दोनों पैर मोटी रस्सी व लोहे की तारों से बंध हुए थे। जख्म इतने गहरे थे कि खून टपक रहा था। उन्होंने भदडिय़ा के महिपालसिंह को इसकी सूचना दी। महिपालसिंह चाकू व अन्य औजार लेकर मौके पर पहुंचे तथा दोनों ने मिलकर घायल बैल को मुक्त करवाया। इसके बाद उपचार करवाकर जंगल में छोड़ दिया।

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