-‘काला कानून’ के खिलाफ पत्रिका की मुहिम के लिए साधुवाद दियाजैसलमेर. गुजरात में प्रभारी रहते कांग्रेस के दमदार प्रदर्शन और राजस्थान में हालिया दो लोकसभा व एक विधानसभा सीट पर हुए उप चुनाव में पार्टी की जीत के बाद पूर्व मुख्यमंत्री
अशोक गहलोत मंगलवार को आत्मविश्वास से भरपूर और राज्य तथा केंद्र सरकार पर हमलावर नजर आए। तनोट में रात्रि विश्राम के बाद
जैसलमेर लौटे गहलोत ने स्थानीय सर्किट हाउस में पत्रकारों के साथ बातचीत में कहा कि, राज्य सरकार ने चार वर्ष के कार्यकाल में लोगों को एक के बाद एक कई ‘घाव’ दिए। सरकार वर्ष गांठ के मौके पर जश्न मनाकर प्रदेशवासियों के ‘घावों’ पर ‘नमक’ छिडक़ रही है। ऐसे में लोग भी सरकार से बदला चुकाने के लिए चुनाव का इंतजार कर रहे हैं ताकि इस सरकार को ‘घर’ भेज सके। पूर्व मुख्यमंत्री ने करीब एक घंटे तक चली पत्रकार वार्ता के मौके पर राज्य के साथ केंद्र की मोदी सरकार को भी घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ा।साथ ही राजस्थान में कांग्रेस में गुटबाजी तथा मुख्यमंत्री पद को लेकर खींचतान की खबरों को सिरे से नकार दिया।
अध्यादेश घमंड का नमूना, पत्रिका धन्यवाद की पात्रपूर्व मुख्यमंत्री ने अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को बचाने वाले अध्यादेश (काला कानून) लाने को सरकार की अहंकारी मानसिकता का परिचयायक करार दिया। गहलोत ने कहा कि इसका सब तरफ से पुरजोर विरोध किया गया। उन्होंने इसके खिलाफआवाज बुलंद करने के लिए ‘पत्रिका’ को विशेष तौर पर साधुवाद दिया। उन्होंने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था की हालत वर्तमान में जितनी खराब है, वैसी पहले कभी नहीं रही।जैसलमेर में चतुरसिंह की पुलिस की गोली से मौत सहित सामराऊ तथा शेरगढ़ में हिंसक घटनाओं और
जयपुर में डकैती के साथ महिला के साथ दुराचार की घटनाओं का जिक्र करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने इन स्थितियों पर अफसोस जताया।
राहुल के मंदिर जाने से भाजपा व संघ को तकलीफगुजरात में विधानसभा चुनाव के दौरान
राहुल गांधी के विभिन्न मंदिरों में दर्शनार्थ जाने को क्या कांग्रेस की ‘सॉफ्ट हिंदुत्व’ की नीति माना जाए, इस सवाल के जवाब में गहलोत ने कहा कि कांग्रेस के शीर्षनेता पहले भी मंदिरों में दर्शन के लिए जाते रहे हैं। तब वे हेलीकॉप्टर से जाते थे और राहुल बस यात्रा करते हुए पहुंचे।उन्होंने कहा कि राहुल के मंदिरों में जाने से भाजपा और संघ को तकलीफ हुई है।वे ओछी राजनीति पर उतर आए।उन्होंने आरोप लगाया कि वर्तमान केंद्र्र सरकार आरएसएस के इशारों पर काम कर रही है तथा प्रत्येक मंत्रालय में संघ का नियुक्त व्यक्ति सारे निर्णय लेता है। गहलोत ने इसे देश व समाज के लिए खतरनाक बताया।उन्होंने साथ ही कहा कि वर्तमान में भाजपा तथा सरकार को चलाने वाले केवल दो लोग हैं, एक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दूसरे भाजपा अध्यक्ष अमित शाह।
मैं किसी गुटबाजी में शामिल नहींअशोक गहलोत ने राजस्थान में कांग्रेस के उनके, प्रदेश अध्यक्ष
सचिन पायलट और पूर्व अध्यक्ष सीपी जोशी के खेमों में बंटे होने से जुड़े सवाल के जवाब में कहा कि, वे किसी गुटबाजी में शामिल नहीं हैं। उनका केवल एक ही खेमा है और वह कांग्रेस है।गहलोत ने कहा कि गुटबाजी जैसी चीजें कांग्रेस में नहीं है क्योंकि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी इसके सख्त खिलाफ हैं।राहुल किसी नेता की अनुशासनहीनता को बर्दाश्त करने वाले नहीं हैं चाहे वह कितना ही बड़े कद वाला क्यों न हो।आगामी चुनाव में स्वयं के मुख्यमंत्री प्रोजेक्ट होने के विषय में गहलोत ने कहा कि, उन्होंने जीवन में केवल एक बार 1977 में कांग्रेस से विधानसभा का टिकट मांगा था।उसके बाद उन्होंने जो भी जिम्मेदारियां संभाली, वे सब पार्टी की ओर से उन्हें स्वत:सौंपी गई।उन्होंने कभी किसी पद के लिए लॉबिंग नहीं की।पत्रकार वार्ता के अवसर पर गहलोत के साथ जैसलमेर के पूर्व विधायक गोवद्र्धन कल्ला तथा पोकरण के पूर्व विधायक ***** मोहम्मद मौजूद थे।