भागवत कथा के श्रवण मन का होता है शुद्धिकरण : साध्वी
– कथा के दूसरे दिन उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
भागवत कथा के श्रवण मन का होता है शुद्धिकरण : साध्वी
पोकरण. क्षेत्र के राजमथाई गांव में रावल मल्लीनाथ महाराज के मंदिर के पास चल रही श्रीमद् भागवत कथा शनिवार को दूसरे दिन भी जारी रही। कथावाचक साध्वी प्रेमबाईसा ने कहा कि हिन्दू समाज के देवी देवताओं ने भारत की पवित्र धरती पर अवतार लिए। आज भी देवी देवता इस भूमि पर आकर दुष्टों का नाश व धर्म की स्थापना करते है। उन्होंने कहा कि भारत की महान संस्कृति पूरे विश्व में सर्वश्रेष्ठ है। इसी संस्कृति की रक्षा के लिए प्रत्येक व्यक्ति को कार्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भागवत कथा श्रवण मात्र से व्यक्ति को जीवन-मरण के चक्कर से मुक्ति मिलती है। भागवत कथा सुनने से मन का शुद्धिकरण होता है तथा व्यक्ति के इच्छाओं की पूर्ति होती है। उन्होंने जीवन में प्रतिदिन समय निकालकर हरिकीर्तन करने की बात कही। उन्होंने कहा कि व्यक्ति को सांसारिक भौतिक सुखों को त्यागकर ईश्वर का भजन करना चाहिए, ताकि मोक्ष की प्राप्ति हो सके। यही भागवत कथा का सार है। व्यक्ति आध्यात्म जीवन व ईश्वर भक्ति को त्यागकर सांसारिक सुखों के दलदल में फंसता जा रहा है तथा भौतिक सुखों की प्राप्ति के लिए सत्य से दूर होता जा रहा है, जो उसके दु:खों का कारण बन रहा है। उन्होंने धर्म का संरक्षण करने, ईश्वर का नाम, श्रवण व कीर्तन करने, श्वास-श्वास में ईश्वर का नाम लेने का आह्वान किया। कथा के दौरान 52 बाणों की शैय्या पर लेटे भीष्म पितामह की झांकी का प्रदर्शन किया गया, जो आकर्षण का केन्द्र बनी रही। कथा के साथ-साथ भजन गायकों ने सुंदर भजनों की प्रस्तुतियां दी। जिस पर उपस्थित श्रद्धालु भाव विभोर होकर झूमने लगे। इस मौके पर कथावाचक साध्वी प्रेमबाईसा ने गोसेवा के लिए 21 हजार रुपए की राशि दान की। जिस पर श्रद्धालुओं ने साध्वी का आभार जताया।