scriptJAISALMER NEWS- यह है रेगिस्तानी के ऐसे गांव जो बने हुए है भूलभूलैया, नहीं कम हो रहा दूरी और सफर का इतना लंबा भेद | This is the village of the desert who has remained labyrinth | Patrika News
जैसलमेर

JAISALMER NEWS- यह है रेगिस्तानी के ऐसे गांव जो बने हुए है भूलभूलैया, नहीं कम हो रहा दूरी और सफर का इतना लंबा भेद

14 किमी की दूरी, 35 किमी का सफर!- फतेहगढ़ से छोडिय़ा के बीच सडक़ का अभाव

जैसलमेरMar 14, 2018 / 12:04 pm

jitendra changani

Jaisalmer patrika

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जैसलमेर . फतेहगढ़ उपखंड की ग्राम पंचायत डांगरी के छोडिय़ा व आस-पास के ग्रामीणों को आवागमन के लिए अब तक सडक़ नहीं मिल पा रही है। ऐसे में भीखासर, रासला, सांवता, लाला, कराड़ा सहित कई गांवों व ढाणियों के ग्रामीणों को काफी परेशानियां झेलनी पड़ रही है। ग्रामीण दौलत मेघवाल ने बताया कि फतेहगढ़ से छोडिय़ा तक ग्रेवल सडक़ भी नहीं है। ऐसे में यहां के ग्रामीणों को फतेहगढ़ पहुंचने के लिए डांगरी से देवीकोट होकर आना पड़ता है। यह रास्ता 30-35 किमी दूर पड़ता है। जबकि कच्चे मार्ग से होकर जाने पर 14 किमी. दूरी तय करनी पड़ती है। गौरतलब है कि इस क्षेत्र में सैकड़ो नलकूप हैं ऐसे में किसानों को खाद्य-बीज व विद्युत संबंधित काम-काज के लिए फतेहगढ़ जाना पड़ता है। ग्रामीणों ने बताया कि गांवों को सडक़ से जोडऩे के लिए कई बार प्रशासन व जन प्रतिनिधियों को अवगत कराया गया, लेकिन सिवाय आश्वासन के कुछ नहीं मिला।
कच्चे रास्ते से आवागमन हुआ मुश्किल
डाबला. जैसलमेर के ग्रामीण क्षेत्रों से जुड़ी सडक़ों की क्षतिग्रस्त हालत की सुध नहीं लेने से आमजन के लिए वाहनों से आवागमन मुश्किल हो रहा है। निकटवर्ती गांव आशायच व अभयनगर ग्राम पंचायत बड़ौड़ा गांव को जोडऩे वाली सडक़ दुरस्त नहीं करने से यहां से गुजरने वालों को मुश्किलों का समाधान नहीं हो रहा है। हालात यह है कि यहां राहगीरों को कच्ची पगडंडी से पंचायत मुख्यालय का सफर मजबूरी बन गया। हालांकि कई ग्रामीण क्षेत्र ग्राम पंचायतों से इस सडक़ से जुड़े हुए हैं, लेकिन बड़ौड़ागांव के राजस्व गांव आशायच और अभयनगर जो कि बड़ौड़ा गांव पंचायत से जुड़ा हुआ नहीं है। यहां मात्र पगडंडी व कच्चे रास्तों से ही आवागमन हो रहा है। आस-पास कई कंटीली झाडिय़ां उगी होने से दुपहिया वाहनों के साथ-साथ अन्य वाहन पंक्चर हो जाते हैं। जानकारों की मानें तो बड़ौड़ा गांव से रास्ता अभयनगर और ग्रेफ रोड होकर सीधा नेशनल हाईवे 68 आकल फांटा से जुड़ा है। अधिकतर वाहन इसी रास्ते का उपयोग करते हैं, ऐसे में इस मार्ग पर डामरीकरण कर दिया जाए ग्रामीणों की राह सुगम हो सकती है।
ग्राम पंचायत मुख्यालय पर पहुंचने के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कई बार अधिकारियों और जनप्रतिनिधियो को अवगत करवाने के बावजूद कोई हल नहीं हो पाया है।
– श्यामसिंह भाटी, ग्रामीण, अभयनगर
जनप्रतिनिधियों को अवगत करवाने के बाद भी समस्या जस की तस बनी है। पगडंडी व कच्चे रास्ते होकर मुख्यालय पहुचने में काफी दिक्कतें हो रही हैं।
– उदयसिंह भाटी, आशायच

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IMAGE CREDIT: patrika
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