किसानों को दिया प्रशिक्षण
पोकरण . कृषि विज्ञान केन्द्र पोकरण की ओर से ग्राम पंचायत छायण के टोटा गांव में जैविक पशुधन खेती विषय पर मंगलवार को असंस्थागत प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया गया। केन्द्र के पशुपालन विशेषज्ञ डॉ.रामनिवास ढाका ने बताया कि किसानों को जैविक खेती के तहत वैज्ञानिक विधि से बकरीपालन, बकरी की क्षेत्र अनुकूल नस्लों, बीमारियों, टीकाकरण एवं इसका जैविक खेती मे योगदान पर परिचर्चा की। किसानों को इससे होने वाले फायदों के बारे में बताया गया। उन्होंने जैविक खेती अपनाकर किसान अपने खेत से जो भी उत्पाद प्राप्त करेंगे उसकी कीमत अधिक मिलेगी और मुनाफा भी बढऩे की बात बताई। जैविक पशुधन खेती मे कृत्रिम उर्वरकों और कीटनाशक स्प्रे जानवरों के चारे और चारे के उत्पादन में निषिद्ध है और जानवरों को कम संग्रहण दर पर रखा जाता है। जिससे प्रदुषण का खतरा कम होता है। केंद्र के मृदा विशेषज्ञ डॉ.बबलू शर्मा ने बताया कि मिट्टी जांच तथा खेती के बीच पशुपालन तथा वर्मी कम्पोस्ट के महत्व पर प्रकाश डाला गया। उन्होंने ग्रामीण किसानों को जैविक उत्पाद को उचित मार्केट देने की व्यवस्था के बारे में सरकार की प्रतिबद्धता से अवगत कराया। उन्होंने खेतों में उपलब्ध जैविक साधनों की मदद से खाद, कीटनाशक दवाइ, चूहा नियंत्रण के लिए दवा बनाकर उनका उपयोग करना होगा। इन तरीकों के उपयोग से पैदावार भी अधिक मिलेगी एवं अनाज, फल सब्जियां भी विषमुक्त एवं उत्तम होंगी। जैविक पशुधन खेती को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए और स्थानीय परिस्थितियों के अनुकूल नस्लों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।