जैसलमेर

Video: खेत में रेस्क्यू सेंटर बनाकर वन्यजीव का उपचार

-वन्य प्रेमी राधेश्याम विश्नोई कर रहे सेवा

जैसलमेरOct 21, 2021 / 09:09 pm

Deepak Vyas

Video: खेत में रेस्क्यू सेंटर बनाकर वन्यजीव का उपचार


लाठी. धोलिया गांव के वन्यजीवप्रेमी राधेश्याम विश्नोई की ओर से अपने स्तर पर शिकारी श्वानों व विभिन्न हादसों में घायल हरिणों व अन्य वन्यजीवों के लिए अपने खेत पर प्राकृतिक रेस्क्यू सेंटर बनाकर उनकी देखरेख व उपचार की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने अभी तक सैकड़ों की तादाद में हरिणों सहित अन्य वन्यजीव की जान बचाई है। वर्तमान समय विभिन्न हादसों में शिकार करीब आधा दर्जन से अधिक वन्यजीव हिरण, खरगोश व नीलगाय के बच्चों का रेस्क्यू सेंटर में इलाज व पालन पोषण किया जा रहा है। गौरतलब है कि क्षेत्र मेंं वन्य जीवों के संरक्षण के लिए विभाग की ओर से कोई ठोस व्यवस्था नहीं होने से क्षेत्र में वन्य जीवों की तादाद तेजी से घट रही है। शिकारी श्वानों व शिकारियों द्वारा मौका पाकर वन्य जीवों का शिकार किया जाता है। इसके बावजूद वन विभाग की ओर से वन्य जीवों के संरक्षण के लिए ना तो समय-समय पर गश्त की जाती है और ना ही अन्य कोई उपाय किया जा रहा है। जिससे हरिणों के शिकार की घटनाओं में बढ़ोतरी हो रही है। क्षेत्र में हर रोज वन क्षेत्रों में विचरण करने वाली नीलगाय, हरिण, खरगोश, मोर व लोमड़ी सहित अन्य जीवों का शिकार हो रहा है। जिसमें मुख्य रूप से सड़क हादसे, श्वानों के हमले व बिजली करंट की घटनाएं शामिल हैं।
लाठी क्षेत्र के धोलिया गांव निवासी वन्यजीव प्रेमी राधेश्याम विश्नोई व उनका परिवार आवारा श्वानो के हमले व सड़क दुर्घटना में घायल वन्यजीव को लोगों की सूचना देने पर अपने खेत में स्थित प्राकृतिक रेस्क्यू सेंटर लाकर उनका इलाज कराकर बड़े होने तक अपनो की तरह उनका पालन पोषण कर रहे है। राधेश्याम विश्नोई व उनका परिवार पिछले लंबे समय से हिरणों व अन्य वन्यजीवों की सेवा कर रहा है। इसके तहत अब तक उन्होंने सैकड़ों की तादाद में घायल वन्यजीव को तंदुरुस्त होने के बाद जंगल स्वच्छंद विचरण करने के लिए व कई वन्यजीव को रेस्क्यू सेंटर जोधपुर फलौदी में छोड़ दिया है।वर्तमान समय में उनके खेत में स्थित रेस्क्यू सेंटर में आधा दर्जन से अधिक वन्यजीव हिरण खरगोश नीलगाय की देखरेख की जा रही।
बच्चों को पिलाते हैं दूध
वन्यजीव प्रेमी राधेश्याम बिश्नोई व उनकी माता रतनी देवी अपने खेत में स्थित रेस्क्यू सेंटर में देखभाल के लिए रखे गए वन्यजीवों को हरा व सूखा चारा लाकर उन्हें खिला रहे है।वहीं बीमार व वन्यजीव के छोटे बच्चों को गाय का दूध भी पिलाया जाता है।
आवाज लगाते ही दौड़ आते हैं वन्यजीव
सभी जानते हैं खुले में स्वच्छंद विचरण करने वाला शांत जीव हरिण, खरगोश, नीलगाय हर किसी को देखकर ही भाग जाते है, लेकिन यहां राधेश्याम विश्नोई परिवार का वन्यजीव के प्रति ऐसा प्रेम बन गया है कि एक आवाज सुनते ही हरिण झुंड के साथ दौड़ आते हैं और उछल.कूद शुरू कर देते हैं। सुबह और शाम उछल.कूद करते खेलते हरिणों को देख हर कोई गदगद हो जाता है।
इलाज के साथ आहार भी
विभिन्न हादसों में घायल होने वाले वन्यजीवों के लिए खेत पर एक छोटा सा रेस्क्यू सेंटर खोला गया है। उनके इलाज के लिए आवश्यकतानुसार दवाइयां, खाने के लिए हरा चारा-पानी की व्यवस्था की गई है। देखरेख व उपचार के बाद तंदुरुस्त हो जाने पर उन्हें जंगल में छोड़ दिया जाता है।
-राधेश्याम विश्नोई, वन्यजीव प्रेमी धोलिया
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