लाखों की लागत से बना मैरिज हॉल अब दुर्दशा का शिकार है। परिसर में चारों ओर गंदगी पसरी है। जगह-जगह शराब की बोतलें और कांच के टुकड़े बिखरे हुए हैं। दिनभर आवारा पशु विचरण करते रहते हैं। वहीं कंटीली झाडिय़ों ने घेर लिया है।
सूखे टांके में पड़े हैं पत्थर
भवन में बना पानी का टांका सूख गया है। ढक्कन नहीं होने से समाज कंटकों ने इसमें शराब की बोतलें और पत्थर डाल दिए हैं। इससे यह क्षतिग्रस्त हो गया है।
दरवाजे टूटे, चोरी हो गया सामान
भवन की सार-संभाल नहीं होने से दरवाजे टूट गए तथा रंग उतर गया है। इसके अलावा भवन में की गई बिजली की फीटिंग उखड़ गई है तथा पंखे व अन्य सामान चोरी हो गए हैं।
मैरिज हॉल को लेकर बार-बार शिकायत मिलने पर कई बार अधिकारियों ने मौका भी देखा, लेकिन इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की।
रखरखाव के साथ उपयोग भी हो
दुर्दशा का शिकार गफूर भ_ा के मैरिज हॉल के रखरखाव व उपयोग लेने की जरूरत है। किराए पर देने से नगर परिषद को अच्छी आय भी हो सकती है।
14 लाख की लागत से बना ये हाल
6 वर्ष पूर्व हुआ था निर्माण
00 बार हुआ है भवन का उपयोग
6000 से अधिक की आबादी है वार्ड में इनका कहना
कई बार नगर परिषद आयुक्त व अन्य जिम्मेदारों को अवगत करवा दिया। कई अधिकारी मौका भी देख चुके हैं। बिजली और पानी का कनेक्शन भी नहीं है।
– पर्वतसिंह भाटी, वार्ड पार्षद
झब्बरसिंह चौहान, आयुक्त नगरपरिषद, जैसलमेर