Video Ramdevra fair crime- चोरों की निगाह पर पदयात्री- श्रद्धालु बनकर शामिल हो जाते हैं यात्रा में
पदयात्रियों पर चोरों व असामाजिक तत्वों का खौफ
one death in ramdevra fair
पोकरण. लोकदेवता बाबा रामदेव के मेले में जाने वाले पदयात्रियों पर इन दिनों चोरों व असामाजिक तत्वों का खौफ भारी पड़ रहा है। पोकरण कस्बे व रामदेवरा मेला परिसर में तो प्रशासनिक तौर पर सुरक्षा व्यवस्था के अलावा चिकित्सा व पेयजल का पुख्ता प्रबंध है, लेकिन पदयात्रियों का सफर काफी लम्बा होता है। बाबा की समाधि के दर्शनार्थ राजस्थान के अलावा गुजरात, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पंजाब व हरियाणा से भी लाखों की तादाद में श्रद्धालु आते है। इनमें करीब आधे से अधिक श्रद्धालु पैदल आते हैं। उन्हें मेले में पहुंचने में एक सप्ताह से लेकर तीन सप्ताह का समय लग जाता है। इस दौरान वे सडक़ मार्गों के किनारे खाली जगहों पर रात्रिकालीन विश्राम करते है। दिनभर पैदल चलने से थके-हारे श्रद्धालुओं के आंखों में जैसे ही गहरी नींद आती है, उसी समय ताक में बैठे असामाजिक तत्व अपना हाथ साफ करने से नहीं चूकते।
साथ मिलकर बढ़ते हैं मंजिल की तरफ
असामाजिक तत्व शाम के समय या तो श्रद्धालुओं के विश्राम स्थल पर आकर ठहरते है या फिर पदयात्रियों के साथ दिन में ही शामिल हो जाते है, और साथ मिलकर चलते हैं। पदयात्रियों की मंजिल रामदेवरा होती है, तो असामाजिक तत्वों का निशाना उनका सामान। रही सही कसर पोकरण व रामदेवरा कस्बे के समाजकंटक तत्व पूरी कर देते हैं। पोकरण व रामदेवरा में ठहरने के लिए विशेष स्थान न होने के कारण अधिकतर पैदल श्रद्धालु इन कस्बों से एक-दो किलोमीटर दूर ही ठहरना पसंद करते हैं। यहां न तो विद्युत व्यवस्था होती है और न कोई सुरक्षा की। ऐसे में चोर, उठाईगिरों से निपटना श्रद्धालुओं के वश में नहीं होता। उनकी ओर से श्रद्धालुओं के सामान, नकदी पर हाथ साफ कर दिया जाता है।
पुलिस को नहीं देते सूचना
सुबह उठने पर सामान, कपड़े और पैसे जैसी चीजें खो चुके दर्शनार्थी घर से सैकड़ों किलोमीटर दूर इतनी हिम्मत नहीं जुटा पाते हैं कि वे अपने सामान व पैसे चोरी होने की शिकायत पुलिस में दर्ज करवा सके। वे बाबा की समाधि के दर्शन करने में ही भलाई समझते हैं। उधर, पुलिस की निगरानी पोकरण कस्बे व रामदेवरा मेले में होने के कारण जेबकतरों से लेकर अन्य असामाजिक तत्व भी दूर का सुरक्षित स्थान ढूंढ़ते हैं। कस्बाई क्षेत्रों व पुलिस की निगाह से दूर सूनसान स्थलों पर ये लोग अपना डेरा डालते हैं तथा हाथ साफ करने के बाद इस स्थान से दूर चले जाते हैं।
कई बार कस्बे में भी होती है घटनाएं
रामदेवरा आने वाले अधिकांश यात्री पोकरण में बाबा रामदेव के गुरु बालीनाथ महाराज के आश्रम, पोकरण फोर्ट व अन्य दर्शनीय स्थल देखने के लिए आते हैं। ये यात्री रामदेवसर, सालमसागर तालाब पर नहाने के लिए रुकते हैं। इसी प्रकार रामदेवरा से आने वाले यात्री पोकरण रेलवे स्टेशन से रेलों से अपनी यात्रा करते है। हालांकि कस्बे में पुलिस गश्त की जाती है। कई जगह होमगार्ड के जवान भी लगाए गए हैं। इसके बावजूद तालाबों पर स्नान करने व रेलवे स्टेशन पर विश्राम करने के दौरान कई स्थानीय युवक उन्हें परेशान करते हैं, तो मेले के दौरान बाहरी राज्यों से आने वाले कई उठाईगिरे, जेबकतरे व आवारा किस्म के युवक कई बार श्रद्धालुओं का सामान लेकर रफूचक्कर हो जाते है। प्रतिवर्ष मेले के दौरान लगने वाली भीड़ में ऐसी घटनाएं होती है। इस वर्ष भी ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं।
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