नहीं हुआ शौचालयों का भुगतान, ग्रामीण परेशान केन्द्र व राज्य सरकार की ओर से
स्वच्छ भारत अभियान चलाकर आमजन को स्वच्छता का संदेश दिया जा रहा है। इसी के साथ ही सरकार की ओर से घरों में शौचालयों के निर्माण के लिए राशि भी दी जा रही है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को शौचालय निर्माण का भुगतान नहीं हो रहा है। जिससे उन्हें आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत नोख क्षेत्र में 250 से अधिक शौचालयों का निर्माण करवाया गया है, लेकिन कई व्यक्ति को भुगतान नहीं मिला है। जिससे उन्हें परेशानी हो रही है। बावजूद इसके ग्राम पंचायत की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
सत्यापन भी हुआ, भुगतान शेषवर्ष 2015 में नोख ग्राम पंचायत क्षेत्र में शौचालय निर्माण के लिए सूची जारी की गई थी।सूची में शामिल ग्रामीणों की ओर से अपने स्तर पर शौचालयों का निर्माण करवाया गया।शौचालय निर्माण के बाद कागजी कार्रवाई की गई तथा ग्रामसेवक व कनिष्ठ अभियंता ने सभी शौचालयों का भौतिक सत्यापन भी किया, लेकिन ग्रामीण आजभी ग्राम पंचायत के चक्कर लगाने को मजबूर है। उन्हें शौचालय निर्माण का भुगतान नहीं होने से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
125 जनों को किया गया है भुगतानक्षेत्र में करीब 125 लोगों को स्वच्छ भारत अभियान के तहत भुगतान कर दिया गया है। अब 2015 की बजाय 2011 की सूची के अनुसार भुगतान किया जा रहा है।
मेघसिंह, सरपंच ग्राम पंचायत, नोख।
कर रहे खुद को ठगा सा महसूस स्वच्छता में अपना योगदान देने के लिए आगे आकर खुद के खर्चे पर शौचालय निर्माण करने वाले लोग भुगतान नहीं मिलने पर खुद को ठगा सा महसूस कर रहे है । ऐसा ही हो रहा है जिले की अंतिम छोर पर स्थित नोख पंचायत क्षेत्र में जहां दो वर्ष पूर्व पंचायत समिति की ओर से करीब ढाई सौ लोगों की सूची की स्वीकृति शौचालय निर्माण के लिए स्वच्छ भारत अभियान के तहत जारी हुई थी । जिसके फलस्वरूप शौचालय निर्माण पर बारह हजार रुपये का भुगतान होना था और सूची में शामिल लोगों ने जैसे तैसे अपने स्तर पर शौचालयो का निर्माण करवा दिया था लेकिन उसके बाद ग्राम पंचायत व संबंधित अधिकारियों की लाल फीताशाही के चलते उनको आज तक भुगतान नहीं मिला है ।
जांच परख हुई और अब नई सूची जारी – जानकारी के अनुसार वर्ष 2015 में नोख ग्राम पंचायत में शौचालय निर्माण के लिए सूची जारी हुई थी और ग्राम पंचायत से सूचना मिलने पर लाभार्थियों ने अपने अपने खर्चे पर अपने घरों में शौचालय निर्माण करवा दिया । उसके बाद उन्होंने शौचालय के फोटो सहित अपने वांछित कागजात भी ग्राम पंचायत में जमा करवा दिए । उसके बाद पंचायत समिति के कनिष्ठ अभियंता व स्थानीय ग्राम सेवक ने एक एक शौचालय का घर घर जाकर भौतिक सत्यापन भी कर दिया लेकिन उसके बाद भुगतान को लेकर नित नए नियम व बहाने बनाए जा रहे है । ग्रामीण जब भी अटल सेवा केंद्र खुलता है अपने भुगतान के लिए पहुंच जाते है लेकिन अब तक उनको मात्र चक्कर व धक्के ही मिल रहे है भुगतान नहीं मिल रहा है । सूची में शामिल लाभार्थियों की माने तो अब तक वो तीन से चार बार अपने फोटो व कागजात ग्राम पंचायत में जमा करा चुके है । लेकिन अब इस सूची के बजाय दूसरी सूची का भुगतान करने का बहाना बनाकर गरीबों को वंचित रखा जा रहा है ।
कलेक्टर के आगमन पर नाममात्र को भुगतान नोख ग्राम पंचायत के करीब एक हजार से अधिक रहवासी घरो में से अब तक मात्र एक सौ से डेढ़ सौ लोगों को ही स्वच्छ भारत अभियान के तहत भुगतान मिला है वो भी रात्रि चौपाल में जिला कलेक्टर के आगमन के बाद ग्रामीणों की मांग पर हुआ है । नोख जैसी बडी़ ग्राम पंचायत में स्वच्छ भारत अभियान के तहत खूले से शौच मुक्त को लेकर वंचितो को योजना का लाभ दिया जाना चाहिए ।
भुगतान नहीं मिल रहा दो साल से हमें शौचालय का भुगतान नहीं मिल रहा है । हमारी कोई सुनवाई नहीं हो रही है । जेठाराम माली – ग्रामीण नोख । शौचालय के भुगतान के लिए पंचायत के चक्कर लगा रहे हैं । कई बार फोटो व कागज जमा करवा दिये हैं ।
सुमेरखां, ग्रामीण नोख ग्राम पंचायत के करीब एक सौ पच्चीस लोगों को स्वच्छ भारत अभियान के तहत भुगतान हुआ है । 2015 की सूची के बजाय अभी अब 2011 की सूची का भुगतान हो रहा है ।