-यह प्रतियोगिता तीन चरणों में होती है, कई बार विदेशियों की टीम शुरू के दो चरणों में लगातार जीत जाते हैं और इस तरह से तीसरा चरण करवाने की नौबत ही नहीं आती।
दर्शकों का समर्थन भी नहीं आता काम
डेडानसर मैदान में दूसरे दिन हजारों की संख्या देशी सैलानी व स्थानीय लोग जमा होते हैं। वे जमकर देशी पर्यटकों की टीम का समर्थन करते हुए हुटिंग करते हैं। मगर इसका कोई असर नहीं होता और विदेशी सैलानी आसानी से महिला व पुरुष दोनों वर्गों की प्रतियोगिताएं अपने नाम कर जाते हैं। यहां तक कि, एक बार महिलाओं के मुकाबले में विदेशी महिलाएं अपनी प्रतिद्वंद्वी भारतीय महिलाओं से कहीं अधिक उम्रदराज थीं, लेकिन फिर भी जीत उन्होंने ही दर्ज की। हार-जीत के पहलू के इतर यह प्रतियोगिता मरु महोत्सव के चंद सबसे लोकप्रिय इवेंट में शामिल है।