जैसलमेर में बही लोक संस्कृति की बयार, सडक़ों पर दिखा अद्भुत नजाराजैसलमेर. सरहदी जैसलमेर जिले में जग विख्यात मरु मेले का आगाज होने के साथ ही यहां की सडक़ों पर राजस्थानी लोक संस्कृति की बयार छा गई। जिसे देखने के लिए शहर के साथ देसी-विदेशी सैलानी भी यहां पहुंचे और लोक कलाकारों के साथ झूमने लगे। शहर में सुबह नौ बजे गड़सर सरोवर पर शोभायात्रा के आगाज के साथ मरु मेले की धमचक शुरू हो गई। इस बार राजस्थान की प्रसिद्ध गैर नृत्य के साथ ही यहां के लोक गीतों की स्वर लहरियों ने शोभायात्रा में समा बांध दिया।
फोटो के लिए लगी होड शोभायात्रा के दौरान सात समंदर पार से आए सैलानियों के साथ स्थानीय लोगों में भी शोभायात्रा में चल रहे लोक कलाकारों के साथ सेल्फी लेने के साथ ही उनके साथ नृत्य कर मरु मेले का लुत्फ उठाया।
जगह-जगह हुआ स्वागत मरु मेले की शोभायात्रा का जगह-जगह पर पुष्प वर्षा से स्वागत हुआ। स्थानीय लोगों ने लोक संस्कृति से सराबोर शोभायात्रा पर गुलाब व हजारे के लाल-पीले पुष्पों की वर्षा कर विभिन्न स्थानों पर स्वागत किया।
जैसलमेर गैर की झांकी शोभायात्रा में लोक कलाकारों के साथ स्थानीय लोगों ने भी राजस्थानी वेषभूषा में भाग लेकर कार्यक्रम में समा बांध दिया। स्थानीय परपंरागत गैर के गीतो से माहौल को रंगीला बना दिया।
बीएसएफ बैंड रहा आकर्षक शोभायात्रा के दौरान रेगिस्तानी जहाज पर बीएसएफ का बैंड व जवानों की रौबदार मूंछे आकर्षण का केन्द्र रही।
सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने ऊंट पर सवारी करते हुए देशभक्ति गीतो पर अपने चिरपरिचित अंदाज में बैंड बजाकर लोगों को अपनी ओर आकर्षित किया।
लोक कलाकरों ने जीता दिल शोभायात्रा के दौरान स्थानीय के साथ बाड़मेर, नागौर,
बीकानेर , पुष्कर व अन्य जिलों से आए लोक कलाकारों ने भी सैलानियों व स्थानीय लोगों का दिल जीत लिया। भंगड़ा करते हुए पंजाबी लोककलाकारों ने भी शोभायात्रा में जमकर वाहवाही लूटी। पंजाबी कलाकारों ने सैलानियों के साथ भंगड़ा कर सबका दिल जीत लिया, वहीं बाड़मेर के नृत्य कलाकारों ने भी लोगों का खूब मनोरंजन किया।
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