जानकारी के अनुसार इससे पहले डीआरडीए हॉल में करीब 1.30 लाख रुपए का बिल बकाया होने के चलते डिस्कॉम के अधिकारियों ने जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को नोटिस भेजा और ब्याज में छूट का लाभ देते हुए 50 हजार रुपए जमा करवाने के लिए कहा।जबकि जिला परिषद प्रशासन का कहना था कि, डीआरडीए हॉल अब उसके अंतर्गत नहीं आता। हालांकि उसका बिजली कनेक्शन मुख्य कार्यकारी अधिकारी के नाम से ही किया हुआ है। इस खींचतान में परिषद ने बकाया राशि जमा नहीं करवाई, तब अधीक्षण अभियंता के निर्देशानुसार कार्यालय का विद्युत संबंध विच्छेद कर दिया गया। कुछ दिन तक परिषद के अधिकारियों ने इसे प्रतिष्ठा का सवाल बनाते हुए बकाया बिल का भुगतान नहीं किया। आखिरकार, बुधवार को परिषद ने डीआरडीए हॉल के संबंध में 50 हजार रुपए की राशि और परिषद कार्यालय के लिए प्री-पेड योजना के अंतर्गत इतनी ही राशि जमा करवा दी।जिसके बाद दोपहर में जिला परिषद का कनेक्शन बहाल कर दिया गया।इसके बाद जिला परिषद कार्मिकों ने राहत की सांस ली और दो सरकारी महकमों के बीच चल रहा विवाद फिलहाल शांत हो गया।