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सामरिक ताकत में चीन से पीछे नहीं है भारत

जानकार सूत्रों का कहना है कि मिसाइल क्षमताओं में भी भारत, चीन की बराबरी करता है। अभी भारत के पास जो मिसाइल शक्ति है उसकी प्रहारक क्षमता में चीन और पाकिस्तान दोनों ही आ जाते है…

जालंधरJan 07, 2019 / 03:40 pm

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(चंडीगढ,जालंधर): पंजाब के फगवाडा में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी के परिसर में इंडियन साइंस कांग्रेस के दौरान लगाई गई रक्षा प्रदर्शनी से संकेत मिलता है कि भारत सामरिक ताकत के मामले में चीन से पीछे नहीं है।

 

हर मोर्चे पर चीन का मुकाबला कर सकता है भारत

जानकार सूत्रों का कहना है कि मिसाइल क्षमताओं में भी भारत, चीन की बराबरी करता है। अभी भारत के पास जो मिसाइल शक्ति है उसकी प्रहारक क्षमता में चीन और पाकिस्तान दोनों ही आ जाते है। हालांकि चीन के पास 12 हजार किलो मीटर तक प्रहारक क्षमता की मिसाइलें हैं और भारत ने अग्नि-5 के परीक्षण से 5000 किलोमीटर तक प्रहार करने वाली मिसाइल हासिल की है लेकिन इसके बावजूद भारत के पास ऐसी तकनीकी है कि वह चीन की इस बढी हुई मिसाइल क्षमता का मुकाबला कर सकता है।

 

सूत्रों ने बताया कि भारत अपने मिसाइल कार्यक्रम पर निरन्तर शोध के साथ आगे बढने का इच्छुक है। अपने आसपास के प्रतिरक्षा वातावरण पर गहरी नजर रखते हुए वह सामरिक संतुलन बनाए रखना चाहता है। भारत के पास अभी चार किलो मीटर से लेकर पांच हजार किलोमीटर तक प्रहार करने वाली मिसाइलें है। उधर चीन के पास करीब 12 हजार किलोमीटर तक प्रहार करने वाली मिसाइल डीएफ-32 है लेकिन इसके बावजूद भारत अपनी तकनीकी क्षमता से इसका मुकाबला करने की स्थिति में है। अभी भारत की अग्नि-5 मिसाइल पांच हजार किलोमीटर तक प्रहार करने की क्षमता के साथ 500 किलोग्राम हथियार ले जाने में सक्षम है।

 

रफाल से बढेगी वायुसेना की ताकत

रक्षा विशेषज्ञ मानते है कि रफाल विमान आने से देश की वायु सेना की ताकत बढेगी। अभी मौजूद मिग श्रेणी के विमान 2030 तक सेवा से बाहर कर दिए जायेंगे। रक्षा बजट कम करने के सवाल पर विशेषज्ञों का कहना है कि अभी जो बजट दिया जा रहा है उसका भी पूरा इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है। जरूरत इस बात की है कि रक्षा क्षेत्र में तेजी से काम किया जाए। देश में लडाकू विमान न बनाए जाने के सवाल पर विशेषज्ञों का कहना है कि सबसे बडी बाधा इन विमानों के लिए इंजन न बना पाने की है। हालांकि इसके लिए भी एक परियोजना पर काम चल रहा है।

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