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जालंधर

जहरीली शराब कांडः मुख्यमंत्री पहुंचे पीड़ितों से मिलने, सरकारी नौकरी समेत कई ऐलान

मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिवार को पांच लाख रुपये, एक परिजन को नौकरी देने के अलावा सभी पीड़ित परिवारों को बीमा योजना का लाभ भी दिए जाने का ऐलान किया। जिन लोगों की आंखों की रोशनी गई है, उन्हें भी पांच लाख रुपए का मुआवजा दिया जाएगा।

जालंधरAug 07, 2020 / 04:29 pm

Bhanu Pratap

captain amarinder singh

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तरनतारन। पंजाब में जहरीली शराब से 113 मौतों के बाद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह शुक्रवार को तरन तारन पहुंचे। उन्होंने मृतकों और पीड़ितों के परिवार से भेंट की। उन्हें धीरज बँधाया। मृतक के वारिस को सरकारी नौकरी देने समेत कई ऐलान किए। मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिवार को पांच लाख रुपये, एक परिजन को नौकरी देने के अलावा सभी पीड़ित परिवारों को बीमा योजना का लाभ भी दिए जाने का ऐलान किया। जिन लोगों की आंखों की रोशनी गई है, उन्हें भी पांच लाख रुपए का मुआवजा दिया जाएगा। इससे पहले राज्य सरकार की तरफ से इन परिवारों को 2-2 लाख रुपए के मुआवजे की घोषणा की गई थी। पिछले एक सप्ताह में पंजाब के सीमावर्ती जिलों अमृतसर, तरनतारन और गुरदासपुर में जहरीली शराब पीने से 113 लोगों की जान जा चुकी है।
यह जानबूझकर किया गया कत्लः सीएम

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने जहरीली शराब मामले में मृतक परिवारों से संवदेना प्रकट करते हुए कहा कि यह कोई हादसा नहीं है, बल्कि जानबूझकर किया गया कत्ल है। पीड़ितों के लिए आखिरी तक लडाई लडकर एक – एक आरोपी को सजा दिलाएंगे। चूंकि पीडि़त परिवार गरीबी रेखा से नीचे के हैं, ऐसे में उनके कच्चे घरों को पक्का किया जाएगा। दिव्यांगों को ट्राईसिकल दी जाएगी। सीएम ने कहा कि जिन लोगों की आंखों की रोशनी गई है, उन्हें भी पांच लाख रुपए का मुआवजा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि कहा कि उन्हें परिवारों से पूरी हमदर्दी है। सरकार आरोपियों को सजा दिलाएगी। पुलिस अपना काम कर रही है।
captain amarinder singh
सबसे पहले अमृतसर में हुई मौतें

30 जुलाई को अमृतसर जिले के गांव मुच्छल से 7 लोगों की मौत का मामला सामने आया था। इसके बाद तरनतारन जिले में कई जगह से तो साथ ही गुरदासपुर के बटाला में भी एक के बाद एक मौतों मे बेतहाशा बढ़ोतरी हुई थी। सबसे ज्यादा मौतें तरनतारन जिले में हुई हैं। इस मामले में 4 थाना प्रभारियों और एक डीएसपी को सस्पेंड कर दिया गया है। अलग-अलग एसआईटी गठित कर रखी हैं। मुख्यमंत्री ने मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिए हैं। बुधवार को कैबिनेट की बैठक में भी मुख्यमंत्री ने डीजीपी दिनकर गुप्ता को सीमावर्ती जिलों में अवैध शराब के कारोबार को सिरे से मिटाने के सख्त निर्देश दिए हैं। जालंधर डिवीजन के कमिश्नर राज कमल चौधरी ने मजिस्ट्रेट जांच शुरू कर दी। वह अपनी रिपोर्ट 21 दिन के भीतर तैयार कर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को देंगे।
10 लाख रुपये मुआवजा की मांग थी

पंजाब में जहरीली शराब से मौतों को लेकर राजनीतिक माहौल गर्म है। एक तरफ विरोधी पार्टियां कांग्रेस सरकार को घेरने की कोशिश कर रही है, वहीं अपनी पार्टी का नेतृत्व भी दो-फाड़ हो चला है। अकाली दल-भाजपा और आम आदमी पार्टी की तरफ से मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपए मुआवजे की मांग की जा रही है। माना जा रहा है कि इसी के चलते प्रदेश सरकार ने पांच-पांच लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणआ की है।

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