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जालंधर

पंजाब में 5वीं से 10वीं तक के सभी विद्यार्थी पास घोषित

पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड से जुड़े स्कूलों को लेकर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह का बड़ा फैसला

जालंधरMay 09, 2020 / 09:41 am

Bhanu Pratap

students admission policy

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चंडीगढ़। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आज ऐलान किया कि पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड के अधीन दसवीं कक्षा के विद्यार्थियों की कोई परीक्षा नहीं ली जाएगी। उनको प्रि-बोर्ड की परीक्षा के आधार पर अगली कक्षा में किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने खुलासा किया कि अनिर्धारित कोविड संकट जिसके नतीजे के तौर पर लम्बे समय कर्फ्यू और लॉकडाउन लागू रहा, के प्रकाश में राज्य सरकार ने पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड के अधीन पाँचवीं से लेकर दसवीं कक्षा तक के सभी विद्यार्थियों को अगली कक्षाओं में करने का फ़ैसला किया है।
हर शुक्रवार को फेसबुक पर

पिछले कुछ दिनों में विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर सवालों और चिंताओं के जवाब में मुख्यमंत्री ने फेसबुक पर कहा कि 10वीं और 12वीं के विद्यार्थियों संबंधी राज्य सरकार, केंद्र सरकार के फ़ैसले के अनुसार चलेगी। राज्य में कोविड और लॉकडाउन के मुद्दे पर विभिन्न सवालों के जवाब देने के लिए ऐसे प्रोग्राम की श्रृंखला शुरू की गई है, जिसके अंतर्गत प्रत्येक शुक्रवार मुख्यमंत्री लोगों को सोशल मीडिया के द्वारा उठाए गए सवालों के जवाब दिया करेंगे।
स्थित में सुधार हुआ तो छूट आगे बढ़ाएंगे

कर्फ्यू और लॉकडाउन के तीसरे चरण में लोगों को दी गई छूट की तर्कसंगता संबंधी बताते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि उनको लम्बे समय से छोटे घरों में फंसे लोगों की मानसिक और मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य की गहरी चिंता थी। इस तरह की छूट से ऐसे लोगों को इस स्थिति में से बाहर आने का मौका दिया गया परन्तु साथ ही कोविड सुरक्षा प्रोटोकोल और सावधानियों का ख्याल रखा जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर स्थिति में सुधार होता है तो छूटें आगे बढ़ाईं जा सकती हैं परन्तु यह भी लोगों पर निर्भर करता है कि वह कितनी सख्ती के साथ एहतियातों की पालना करते हुए सामाजिक दूरी, लगातार हाथ धोने और घरों से बाहर निकलते समय मास्क का प्रयोग जैसे ख्याल रखते हैं। उन्होंने कहा कि महामारी को और बढऩे से रोकने के लिए एहतियादी कदम उठाने ज़रूरी हैं।
35 फीसदी प्रवासी कामगार पंजाब में रुके

एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रवासी कामगारों को रोकने का सवाल ही नहीं खासकर उनको जो इस संकट के समय के दौरान अपने परिवारों के साथ रहना चाहते हैं। पंजाब में रहने वाले 13 लाख प्रवासी कामगारों में से 10 लाख ने अपने जद्दी राज्यों में अपने परिवारों के पास वापस जाने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाई थी परन्तु बाद में इनमें से 35 फीसदी ने राज्य में औद्योगिक ईकाइयों के फिर कार्यशील होने की सूरत में पंजाब में रुकने का फ़ैसला किया है। यह मुख्यमंत्री द्वारा फेसबुक प्लेटफार्म के ज़रिये साझा किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि कुल प्रवासी कामगारों में से आधे पंजाब में रुकने को पहल देते हैं तो यह राज्य के अंदर कृषि के कामकाज और औद्योगिक क्षेत्र को फिर से पैरों पर खड़ा करने के लिए सहायक होगा।
2 करोड़ गरीबों को खाद्य पैकेट पहुंचाए

कुछ लोगों द्वारा खाद्य वस्तुओं के पैकेट न मिलने संबंधी की गई शिकायत के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री ने ज़ोर देते हुए कहा कि वह किसी को भी भूखे पेट नहीं सोने देंगे और इस सम्बन्ध में वह ख़ुद निगरानी रखेंगे, जिससे राज्य में हर जरूरतमंद व्यक्ति तक खाद्य वस्तुओं की पहुँच को यकीनी बनाया जा सके। उन्होंने साथ ही कहा कि उनकी सरकार द्वारा अब तक 2 करोड़ गरीब और ज़रूरतमंदों को खाद्य वस्तुओं के पैकेट मुहैया करवाए हैं। इस बात के साथ सहमत होते हुए कि कम संख्या में कोविड के टेस्ट होना पंजाब के सरोकार का मसला है, मुख्यमंत्री ने कहा कि लैबोरेट्रियों की कमी इसका मुख्य कारण है। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में 2500 टेस्ट करने का रोज़ाना का सामथ्र्य है जो आने वाले जून महीने में बढ़ाकर 8000 प्रति दिन हो जाएगा जो राज्य की जनसंख्या के हिसाब से फिर भी काफ़ी नहीं होगा।
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