ये भी पढ़ें- यूपी डिप्टी सीएम का राम मंदिर पर अब तक का सबसे बड़ा बयान, न्यायलय की सुनवाई से पहले की यह बड़ी घोषणा पूर्व जज ने दिया बड़ा बयान- दरअसल इलाहाबाद हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज और संविधान के जानकार जस्टिस गिरधर मालवीय भाजपा के इस प्लालिंग से सहमत नहीं हैं क्योंकि उनका मानना है कि संसद के पाल ऐसा करने का अधिकार ही नहीं है। एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया है कि क़ानून बनाने के भी कुछ नियम हैं और उन नियमों के तहत कम से कम मंदिर निर्माण के लिए क़ानून तो नहीं बनाया जा सकता।
ये भी पढ़ें- मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ चुनाव से पहले मायावती ने न्यायालय से कर दी धमाकेदार अपील, इस पार्टी के अध्यक्ष के खिलाफ खड़ी की बहुत बड़ी मुसीबत Ram Mandir IMAGE CREDIT: Net मालवीय का कहना है कि इस मामले में कोई ट्रायल नहीं होना है। सुप्रीम कोर्ट तो केवल अपील पर सुनवाई कर रही है। ऐसे में फैसला आने में वक्त नहीं लगेगा। उनका कहना है कि इस मामले में गठित बेंच रिकार्ड के मुताबिक़ ही सुनवाई करेगी और अपना फैसला सुनाएगी। इसमें जन भावनाओं का कोई मतलब नहीं है।
ऐसे आएगा फैसला-
गिरधर मालवीय का कहना है कि नई बेंच में सुनवाई शुरू होने के बावजूद केस का फैसला आने में देर नहीं लगेगी। ऐसा इसलिए क्योंकि पिछली बेंच में हुई सुनवाई के रिकॉर्ड्स फाइलों में दर्ज होते हैं। उनका मानना है कि अगर पक्षकारों ने इस मामले में बेवजह की तारीख नहीं ली, तो फैसला आगामी लोकसभा चुनाव से पहले ही आ सकता है।
गिरधर मालवीय का कहना है कि नई बेंच में सुनवाई शुरू होने के बावजूद केस का फैसला आने में देर नहीं लगेगी। ऐसा इसलिए क्योंकि पिछली बेंच में हुई सुनवाई के रिकॉर्ड्स फाइलों में दर्ज होते हैं। उनका मानना है कि अगर पक्षकारों ने इस मामले में बेवजह की तारीख नहीं ली, तो फैसला आगामी लोकसभा चुनाव से पहले ही आ सकता है।