नई दरों का एलान करने की तैयारी में जुटा ऊर्जा विभाग
ऊर्जा विभाग ने बिजली की दरों को लेकर नियामक आयोग के दरवाजे पर दस्तक दी है। ऊर्जा विभाग आर्थिक तंगी को दूर करने के लिए बिजली की दरें बढ़ा रहा है, जिसका प्रभाव सीधा बिजली उपभोक्ताओं पर पड़ेगा। पावर कारपोरेशन ने 14 जून को आयोग में नई दरों का प्रस्ताव दाखिल किया था। बता दें कि आयोग के पास दाखिल प्रस्ताव से नई दरें घोषित करने के लिए 120 दिन यानी चार महीने का समय होता है लेकिन, लड़खड़ाती वित्तीय स्थिति को देखते पावर कारपोरेशन के दबाव पर आयोग लगभग 90 दिनों में ही नई दरों का एलान करने की तैयारी में जुटा हुआ है।
सितंबर के पहले पखवाड़े से लागू हो सकती हैं नई दरें
उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन ने घरेलू बिजली 6.20 रुपया प्रति यूनिट से बढ़ा कर 7.50 रुपया करने का प्रस्ताव भेजा है। इसके साथ ही कॉमर्शियल बिजली 8.85 रुपया करने का प्रस्ताव सौंपा है। पॉवर कारपोरेशन ने आयोग को घरेलू बिजली 6.20 से 7.50 रुपये और व्यावसायिक श्रेणी की दरें 8.85 रुपये प्रति यूनिट तक करने का प्रस्ताव दिया है। इसी तरह उद्योगों की बिजली 10 से 15 फीसद तक महंगी करने के साथ बीपीएल, ग्रामीण अनमीटर्ड व निजी नलकूपों की दरें बढ़ाने का भी प्रस्ताव दिया गया है। अब उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत नियामक आयोग अब इस पर जल्द फैसला लेगा और सितंबर के पहले पखवाड़े से ही बिजली दरों को बढ़ाई जा सकती हैं।
बड़े बकायेदारों का कटेगा कनेक्शन
राजधानी लखनऊ में दस हजार से ज्यादा बिजली बकायेदारों का कनेक्शन कटेगा। हर खण्ड को 250 लोगों की लिस्ट दे दी गई है। बिजली विभाग अपनी आर्थिक तंगी दूर करने के लिए बकाएदारों की बिजली गुल करेगा। प्रमुख सचिव ऊर्जा आलोक कुमार के सख्त निर्देश पर अभियान शुरू हो गया है। अभूतपूर्व वित्तीय संकट से गुजर रहा पावर कारपोरेशन अपनी हालत सुधारने के लिए बड़े बकायेदारों पर कड़ा शिकंजा कसने जा रहा है। बिजली खरीद और वेतन भुगतान का पैसा न होने पर कारपोरेशन ने बकायेदारों से वसूली के लिए रविवार को प्रदेश भर में युद्ध स्तर पर अभियान चलाने के निर्देश सभी वितरण निगमों के प्रबंध निदेशकों को दिए हैैं।