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Hartalika Teej 2019 : हरतालिका तीज पर सभी महिलाएं इस विधि से करें पूजा, पति की आयु होगी लम्बी

Hartalika Teej 2019 : हरतालिका तीज का त्योहार उत्तर प्रदेश के पश्चिमी और ग्रामीण क्षेत्र के इलाकों में कुछ खास तरीके से बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है।

जालौनAug 28, 2019 / 03:13 pm

Neeraj Patel

Hartalika Teej 2019 : हरतालिका तीज पर सभी महिलाएं इस विधि से करें पूजा, पति की आयु होगी लम्बी

Hartalika Teej 2019 : हरतालिका तीज पर सभी महिलाएं इस विधि से करें पूजा, पति की आयु होगी लम्बी

जालौन. हरतालिका तीज (Hartalika Teej) का त्योहार उत्तर प्रदेश के पश्चिमी और ग्रामीण क्षेत्र के इलाकों में कुछ खास तरीके से बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिन सभी विवाहित महिलाएं अपने पति की लम्बी आयु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं और घर में सुख, समृद्धि के लिए मनोकामना करती हैं। इस त्योहार को उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, राजस्थान और मध्य प्रदेश के कई इलाकों में बड़े स्तर पर मनाया जाता है।

हरतालिका तीज कब है?

हरतालिका तीज (Hartalika Teej) का त्यौहार साल 2019 में 1 सितम्बर दिन रविवार को है लेकिन कुछ लोग हरतालिका तीज के पर्व की तारीख 2 सितम्बर बता रहे हैं। जालौन निवासी ज्योतिषाचार्य राजेन्द्र तिवारी ने बताया है कि शास्त्रों के अनुसार हरतालिका तीज का त्यौहार इस वर्ष 1 सितम्बर दिन रविवार को ही है। जिसका शुभ मुहूर्त 1 सितम्बर को सुबह 06:43 से 2 सितम्बर को सुबह 05:57 तक रहेगा।

सोलह श्रृंगार का महत्व

हरतालिका तीज (Hartalika Teej) का त्यौहार खास तौर पर महिलाओं के लिए होता है और विवाहित महिलाएं हरतालिका तीज के दिन मेहंदी लगाती है, नए कपड़े पहनती हैं और 16 श्रंगार करती हैं। इसके बाद ही वह हरतालिका तीज की पूजा के लिए बैठती हैं। जब तक महिलाएं सोलह श्रृंगार (Solah Shringar) न कर लें तब तक वह खूबसूरत नहीं दिखती हैं। सोलह श्रृंगार का महत्व के बारे में विज्ञान भी कहता है कि 16 श्रंगार करने से महिलाओं के मन, शरीर और सेहत पर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और इसके सकारात्मक परिणाम भी देखने को मिलते हैं।

सोलह श्रृंगार में ये चीजें होती हैं शामिल

सोलह श्रृंगार (Solah Shringar) में बालों में गजरा, बिंदी, सिंदूर, गले में मंगलसूत्र या हार, कान में झुमके, मांग में टीका, पायल, पांव में बिछिया, नथनी, अंगूठी, हाथों में चूड़ियां, बाजूबंद, कमरबंद, मेहंदी, काजल, और मेकअप शामिल होता है। जब तक महिलाएं सोलह श्रृंगार नहीं कर लेती तब तक उनका श्रृंगार अधूरा रहता है। इसलिए वह पूजा करने से पहले सोलह श्रृंगार करती हैं फिर पूजा करती हैं।

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