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जालौन में किसानों के आयेगें अच्छे दिन, स्पेन तक पहुंचेगी यहां की खास मटर

स्पेन तक पहुंचाई जाएगी यूपी की मटर।

जालौनJan 13, 2018 / 10:13 pm

Dhirendra Singh

peas framers

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जालौन. सूखे से जूझ रहे बुंदेलखंड के किसानों के अब अच्छे दिन आने वाले है। अब किसानों को किसी भी समस्या से नहीं जूझना पड़ेगा। जिसका मुख्य कारण है यहां की मिठास भरी हरी मटर। जिसकी मांग अब अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक पहुंच गई है। शनिवार को जालौन में स्पेन से आयी उद्यमियों की एक टीम ने इफको के सहयोग से एट क्षेत्र में मटर की खेती का सर्वे किया। उनकी योजना यहां की मटर को अपने कारोबार से जोड़ने की है।

मटर की खेती के लिए आई विशेषज्ञ टीम
इस स्पेनी टीम का नेतृत्व बेनिटों जिमिनेज कर रहे थे। चार सदस्यीय टीम में उनके साथ एंजिल क्रिस्टलोजो, इन्गो एन्टोन और क्रिस्टोफर हर्वर्ट भी थे। उन्होंने डकोर विकास खंड के ग्राम धुरट में किसानों के साथ एक गोष्ठी आयोजित की। जिसमें किसानों को उन्होंने बताया कि मुख्य रूप से वे लोग स्पेन में शीतलन व्यवसाय से जुड़े हैं। उनके पास कृषि उत्पाद को इतने सुरक्षित फ्रीजर में रखने की व्यवस्था है कि उसमें कभी खराबी नहीं आ सकती और वह ऐसा ही बुंदेलखंड में करना चाहते है, जिससे यहां के किसानों को फायदा हो सके। उन्होंने बताया कि यहां की मटर स्पेन तक प्रसिद्ध हो चुकी है, जिसके लिये वह यहां तक आये है। जहां किसानों ने उनकी मटर की मांग पूरे देश मे हो लेकिन इसके व्यवसाय में बिचैलिये हावी हैं, जो लागत के बराबर भी कीमत उन्हें नहीं मिलने देते इसलिए किसानों में निराशा फैल रही है।
किसानों की समस्याओं को सुनने के बाद स्पेनिश टीम के मुखिया बैन्टो जिगेन्जो ने कहा भारत में खेती कैसे होती है, यह जानने के लिये वह यहां पर आये हैं, जिससे यहां की भौगौलिक स्थिति के बारे में पता कर सके। जब उनसे पूछा गया कि किसानों की उपज कैसे बढ़ायेंगे। इसके लिये आप क्या करेंगे और क्या निर्देश देंगे। जिस पर स्पेनिश टीम के मुखिया बैन्टो जिगेन्जो ने बताया कि वह यहां के किसानों को तकनीकी सहयोग प्रदान करेगें। ताकि उनका उत्पादन और आमदनी बढ़ सके। इसके अलावा टीम के मुखिया से पूछा कि क्या स्पेन की तर्ज पर यहां खेती करेंगे तो उन्होंने बताया कि यहां के किसानों को उनकी फसल की पैदावार बढ़ाने के लिये स्पेन की तकनीक का प्रयोग करेंगे और कुछ वर्षों में यहां भी लागू कर देंगे। बुंदेलखण्ड सूखा इलाका है इस पद्धति से किसानों को क्या तकदीर बदलेंगी तो इस पर उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से उनके द्वारा उपलब्ध कराये जाने वाले बीज व अन्य तकनीक से सूखा ग्रस्त बुंदेलखंड के किसानों को फायदा पहुंचेगा और इसमें वह जरूर कामयाब रहेगें। उन्होंने बताया कि भारत में उनकी पहली विजिट है। इस दौरान अच्छी खेती करने वाले 5 किसानों को सम्मानित भी किया गया।

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