बता दें कि नगर पालिका जालौन की ओर से नगर में अलग-अलग इलाकों में स्ट्रीट लाइटें लगाई गई थी, जिससे शहर को रोशनी से जगमगाया जा सके। नगर में कहीं भी स्ट्रीट लाइटें नहीं मिलीं, जिसकी शिकायत भाजपा सभासदों और नेताओं द्वारा जिलाधिकारी से की गई थी। शिकायत के बाद जिलाधिकारी ने अपर जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह और अधिशासी अभियंता विद्युत विभाग तरनवीर सिंह के नेतृत्व में एक जांच टीम बनाई थी। जांच टीम ने मौके पर पहुंचकर अभिलेखों को चेक किया और मौके पर जाकर यथा स्थिति देखी। जांच के दौरान बड़ा घोटाला सामने आया है। जांच करने पहुंचे एडीएम और विद्युत विभाग के अधिशाषी अभियंता को स्ट्रीट लाइटों की संख्या कम ही मिली।
जांच में पाया गया कि औरैया रोड व सारंगपुर रोड पर नगर पालिका द्वारा 25-25 स्ट्रीट लाइटें लगाई गई थीं, लेकिन वहां पर बहुत ही कम लाइट मिली। इस पर अधिकारियों ने पालिका के अधिशाषी अधिकारी पर नाराजगी जताई। साथ ही उनके खिलाफ और पालिका अध्यक्ष के खिलाफ जांच रिपोर्ट तैयार करने की बात कही है। इस मामले में जांच करने पहुंचे अपर जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने बताया कि 2015-2016 और 16-17 में सोलर स्ट्रीट लाइट लगाई गई थी, इसकी गुणवत्ता की शिकायत आयी थी, लेकिन यहां पर पोल गायब मिले और स्ट्रीट लाइट भी गायब मिली। उन्होंने बताया कि इसकी रिपोर्ट बना ली गई है और जल्द ही इसे डीएम को सौंपी जाएगी। वहीं इस मामले में श्मशान घाट के पास रहने वाले स्थानीय निवासी गयादीन ने बताया कि यहां पर 18 स्ट्रीट लाइट लगी थी, लेकिन सिर्फ एक लाईट बची है, बाकी चोरी हो गयी है।