scriptइसलिए पांच दर्जन नौनिहालों का टूटा शिक्षा से नाता | 10 years ago school had closed, 60 children unable to attend school | Patrika News
जालोर

इसलिए पांच दर्जन नौनिहालों का टूटा शिक्षा से नाता

आस-पास विद्यालय नहीं होने से 60 बच्चे नहीं जा पा रहे है विद्यालय

जालोरJan 06, 2019 / 11:51 am

Dharmendra Kumar Ramawat

government school

इसलिए पांच दर्जन नौनिहालों का टूटा शिक्षा से नाता

तुलसाराम माली
भीनमाल. शिक्षा विभाग के अधिकारियों की कारस्तानी का खामियाजा भागलभीम ग्राम पंचायत के तलका भील की ढाणी के बाशिन्दें भुगत रहे हंै। समानीकरण व एकीकरण के तहत 2007-08 में नियमों को ताक में रखकर यहां का प्राथमिक विद्यालय शिक्षा विभाग ने बंद कर दिया था। विद्यालय बंद होने के बाद से ही कमजोर तबके के करीब पांच दर्जन से अधिक विद्यार्थियों का शिक्षा से नाता ही टूट गया। विद्यालय बंद होने से यहां के नौनिहाल शिक्षा से वंचित बने हुए है। अभिभावकों को भी विद्यालय बंद होने से अपने बच्चों को विद्यालय नहीं भेजने का मलाल तो है, लेकिन कमजोर आर्थिक स्थिति के चलते हाथ पर हाथ धरे बैठे हुए है। दरअसल, सरकार भले ही अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत हर बच्चें को तालिम देने का दावा कर रही है, लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारियों की उदासीनता से दर्जनों दूरस्थ ढाणियों के नौनिहालों को आजादी के सालों बाद भी असाक्षरता का दंश झेलने को मजबूर बने हुए है। विभाग की ओर से 2007-08 में समानीकरण व एकीकरण कार्यक्रम तलका भील की ढाणी में संचालित प्राथमिक विद्यालय को शिक्षा विभाग ने बंद कर दिया। बंद हुए इस विद्यालय को शुरू करने के लिए ग्रामीणों ने प्रस्ताव लेकर शिक्षा विभाग को भिजवाएं, लेकिन यह प्रस्ताव महज विभागीय दफ्तरों में ही दब कर रह गए है। ढाणी निवासी रेशमीदेवी ने बताया कि यहां के 10 साल के करीब 55-60 बालक-बालिकाएं विद्यालय बंद होने से शिक्षा से वंचित है। ढाणी के महज आठ बच्चे ही शिक्षा प्राप्त करने के लिए चार किलोमीटर दूर विद्यालय जा रहे है। बालिकाएं भी शिक्षा प्राप्त नहीं कर पा रही है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना हैं कि विद्यालय शुरू करने के प्रस्तावों को पहले ही भेजा जा चुका हैं, लेकिन उच्चााधिकारियों से स्वीकृति नहीं मिली हैं।
कागजों में दम तोड़ रही कवायद…
विभाग की ओर से बंद हुए इस विद्यालय को फिर से शुरू करने की कवायद महज कागजों में सिमटी हुई है। शिक्षा विभाग ने इस विद्यालय को दुबारा शुरू करने के लिए कई बार उच्चाधिकारियों को पत्र लिखे, लेकिन यह विद्यालय शुरू नहीं हुआ। ग्रामीणों ने भी ग्राम पंचायत में प्रस्ताव लेकर शिक्षा विभाग से विद्यालय शुरू करने की गुहार लगाई, लेकिन यह कवायद महज कागजों में ही सिमटी हुई है। विद्यालय शुरू नहीं होने से दूर-दराज की ढाणियों के नौनिहालों का भविष्य अंधकारमय बन रहा हैं। अपने नौनिहालों को शिक्षा दिलवाने का सपना पाले गरीब व कमजोर तबके के अभिभावकों की उम्मीदें भी टूट रही है।
दायरा था 1 किमी का, 4 किमी दूर फिर भी बंद
शिक्षा विभाग की ओर से विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के उद्देश्य से एकीकरण कार्यक्रम के तहत आस-पास के विद्यालयों को समाहित किया गया था। इसके तहत एक किलोमीटर की दूरी में स्थित दो से अधिक विद्यालयों को एक विद्यालय में समाहित किया जाना था। लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने नियमों को ताक में रखते हुए तलका भील की ढाणी के विद्यालय को भी बंद कर दिया, इस विद्यालय के चार किलोमीटर की दूरी में कोई विद्यालय स्थित नहीं है। विद्यालय की अधिक दूरी होने से यहां के नौनिहाल विद्यालय नहीं जा पा रहे है। ऐसे में खासकर कमजोर व गरीब तबके के अभिभावकों को अपने बच्चों को तालीम दिलवाना सपना बना हुआ है।
भेजेंगे प्रस्ताव
तलका भील की ढाणी प्राथमिक विद्यालय के आस-पास तीन किलोमीटर की दूरी में कोई विद्यालय नहीं है। यह विद्यालय कैसे बंद हो गया था। अभी सरकार की ओर से विद्यालय को शुरू करने के लिए दुबारा प्रस्ताव मांगे है, जिसमें विद्यालय शुरू करवाने के लिए प्रस्ताव भिजवाएंगे।
– मोहनलाल सुथार, सीबीईईओ,भीनमाल

Home / Jalore / इसलिए पांच दर्जन नौनिहालों का टूटा शिक्षा से नाता

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो